फरकंदा कुरैशी ने रचा इतिहास: UPSC 2024 में 67वीं रैंक पाकर बालाघाट को किया गौरवान्वित

संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा 22 अप्रैल 2025 को सिविल सेवा परीक्षा 2024 का अंतिम परिणाम घोषित कर दिया गया है। हर साल की तरह इस बार भी लाखों अभ्यर्थियों के बीच टॉपर्स की सूची में कुछ नाम ऐसे रहे जिन्होंने पूरे देश का दिल जीत लिया। लेकिन दोस्तो, सबसे खास बात ये रही कि इस बार बालाघाट जिले की बेटी फरकंदा कुरैशी ने अपने शानदार प्रदर्शन से पूरे जिले को गर्व महसूस कराया है।

फरकंदा ने हासिल की 67वीं रैंक

UPSC 2024 परीक्षा में पहला स्थान प्रयागराज की रहने वाली शक्ति दुबे ने प्राप्त किया है। वहीं दूसरे स्थान पर हर्षिता गोयल रही हैं। आयोग द्वारा जारी की गई सूची में कुल 109 अभ्यर्थियों का चयन किया गया है। इनमें से फरकंदा कुरैशी ने 67वां स्थान प्राप्त कर बालाघाट का नाम पूरे देश में रोशन कर दिया है।

फरकंदा कुरैशी ने रचा इतिहास: UPSC 2024 में 67वीं रैंक पाकर बालाघाट को किया गौरवान्वित

बालाघाट की बेटी बनी प्रेरणा की मिसाल

फरकंदा कुरैशी बालाघाट जिले के प्रतिष्ठित अधिवक्ता अब्दुल मलिक कुरैशी और निखत अंजुम कुरैशी की पुत्री हैं। उनके चयन के बाद से कुरैशी परिवार और पूरे जिले में खुशी की लहर दौड़ गई है। जैसे ही परिणाम घोषित हुआ, पूरे परिवार ने मिठाइयां बांटकर इस सफलता का जश्न मनाया।

चौथे प्रयास में मिली ऐतिहासिक सफलता

दोस्तो, फरकंदा ने यह सफलता अपने चौथे प्रयास में हासिल की है। उन्होंने वर्ष 2019 से UPSC की तैयारी शुरू की थी। अपनी तैयारी के बारे में फरकंदा ने बताया कि उन्होंने NCERT की किताबों से शुरुआत की और धीरे-धीरे स्टैंडर्ड बुक्स की ओर बढ़ीं।

फरकंदा कुरैशी ने रचा इतिहास: UPSC 2024 में 67वीं रैंक पाकर बालाघाट को किया गौरवान्वित

टॉपर्स की स्ट्रेटजी और टेस्ट सीरीज ने की मदद

फरकंदा बताती हैं कि उन्होंने टॉपर्स की स्ट्रेटजी को बारीकी से फॉलो किया। साथ ही नियमित रूप से प्रिलिम्स और मेंस टेस्ट सीरीज में भाग लिया। उनका मानना है कि सफलता पाने के लिए सिलेबस पर फोकस और पिछले वर्षों के प्रश्नपत्रों का अध्ययन जरूरी है। साथ ही, यदि कभी डिमोटिवेशन हो तो परिवार और दोस्तों का साथ सबसे बड़ा सहारा होता है।

मोटिवेशन और आइडियल कौन?

अपने प्रेरणा स्रोत के बारे में पूछने पर फरकंदा ने कहा कि उनके आइडियल उनके माता-पिता हैं। वे हमेशा से चाहती थीं कि ज्यादा से ज्यादा लोगों की ज़िंदगी को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकें, और यही सोच उन्हें सिविल सेवा की ओर ले गई।

सोशल मीडिया से दूर रहकर की कठिन मेहनत

फरकंदा के पिता अधिवक्ता अब्दुल मलिक कुरैशी ने बताया कि उनकी बेटी हमेशा से सोशल मीडिया से दूर रहकर पढ़ाई में जुटी रही। उन्होंने कहा कि वह पहले दिन से ही अपने लक्ष्य के प्रति गंभीर थी और हमें उसकी मेहनत देखकर भरोसा था कि वह एक दिन जरूर सफलता हासिल करेगी।

सामाजिक संस्थाओं और लोगों ने दी शुभकामनाएं

भाईयो, फरकंदा की इस बड़ी उपलब्धि पर अंजुमन इस्लामिया कमेटी बालाघाट सहित कई सामाजिक संगठनों और गणमान्य व्यक्तियों ने उन्हें सम्मानित किया और मुंह मीठा कराया। हाजी फारूक, हाजी आलम, नईम भाटी, अहमद परवेज, अनीश मेमन, आदिल खान, अब्दुल कादिर और समीर हुसैन सहित कई सामाजिक जनों ने उन्हें बधाइयां दीं।

UPSC 2024:

संघ लोक सेवा आयोग द्वारा चुने गए उम्मीदवारों की नियुक्ति भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS), भारतीय विदेश सेवा (IFS), भारतीय पुलिस सेवा (IPS) और अन्य केंद्रीय सेवाओं में की जाएगी। फरकंदा के चयन ने बालाघाट को गर्व से भर दिया है और आने वाली पीढ़ियों के लिए यह एक प्रेरणा बन गई हैं।

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