मरारी भाषा से वायरल हुईं शीतल नागफसे: संघर्ष से सफलता तक की कहानी

मरारी भाषा से वायरल हुईं शीतल नागफसे: संघर्ष से सफलता तक की कहानी

कटंगी ग्राम खजरी, जहां एक खास मुलाकात होने वाली है। आपने सही पहचाना, हम मिलने आए हैं उसी शख्सियत से, जो इन दिनों मरारी भाषा में बनाए गए रील्स के जरिए सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही हैं। आइए, मिलते हैं शीतल नागफसे से और जानते हैं उनकी कहानी।

शीतल नागफसे की सोशल मीडिया यात्रा

शीतल नागफसे ने बताया कि उन्होंने रील्स बनाना 2019-20 में शुरू किया था, जब टिक-टॉक (TikTok) का दौर था। टिक-टॉक के बंद होने के बाद उन्होंने इंस्टाग्राम पर रील्स बनाना शुरू किया। शीतल को शुरुआत में यह नहीं पता था कि रील्स से भी पैसे कमाए जा सकते हैं। लेकिन जब उनकी रील्स वायरल होने लगीं, तब उन्हें जानकारी मिली कि सोशल मीडिया से भी कमाई संभव है और प्रमोशन के ऑफर भी आने लगे।

सोशल मीडिया: एक अच्छा या बुरा माध्यम?

जब शीतल से पूछा गया कि सोशल मीडिया का उपयोग अच्छा है या बुरा, तो उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि सोशल मीडिया दोनों तरह से प्रभाव डाल सकता है। अगर अच्छे और सकारात्मक वीडियो बनाएं जाएं तो यह एक बहुत अच्छा प्लेटफॉर्म है, लेकिन यदि गलत कंटेंट बनाया जाए तो नकारात्मक असर भी हो सकता है। इसलिए सोच-समझकर और जिम्मेदारी के साथ सोशल मीडिया का उपयोग करना चाहिए।

खेती के बीच से रील्स बनाकर बनाई पहचान

शीतल ने बताया कि वह ज्यादातर रील्स घर पर या खेती-बाड़ी के दौरान बनाती हैं। उनका कहना है कि खेतों में काम करते वक्त भी वे रील्स बनाने का समय निकाल लेती हैं। उनके पिताजी, गोपीचंद नागफसे, भी अब उन्हें पूरा सहयोग करते हैं। हालांकि शुरुआत में वे मोबाइल के ज्यादा उपयोग के खिलाफ थे, लेकिन शीतल के वायरल होने के बाद परिवार ने उन्हें सपोर्ट करना शुरू कर दिया।

मरारी भाषा से वायरल हुईं शीतल नागफसे: संघर्ष से सफलता तक की कहानी

संघर्ष के बाद मिली सफलता

शीतल की कहानी से यह स्पष्ट होता है कि जब हम संघर्ष कर रहे होते हैं, तब कई बार परिवार और समाज का सहयोग नहीं मिल पाता। लेकिन अगर हम सही राह पर मेहनत करते रहें, तो सफलता मिलने पर वही लोग हमें समर्थन देने लगते हैं। शीतल कहती हैं कि परिवार का भरोसा जीतने के लिए सबसे जरूरी है कि हम अपने काम में ईमानदारी और सकारात्मकता बनाए रखें।

वायरल रील्स और बड़ी उपलब्धि

शीतल नागफसे की सबसे ज्यादा वायरल रील “चल जाओ दोनों परात मोर राजा घूमेला बालाघाट जिला जा” गाने पर बनाई गई थी, जो 1 मिलियन से अधिक व्यूज प्राप्त कर चुकी है। उनकी मेहनत का फल यह रहा कि अब उन्हें बालाघाट और कटंगी में लोकल ब्रांड्स से प्रमोशन के ऑफर भी मिलने लगे हैं। इसके अलावा, वे नागपुर भी प्रमोशन शूट के लिए गई थीं।

सोशल मीडिया करियर के लिए शीतल का संदेश

शीतल सभी युवाओं को सलाह देती हैं कि सोशल मीडिया पर करियर बनाना चाहते हैं तो सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ें। हमेशा अच्छा और प्रेरणादायक कंटेंट बनाएं, अपने परिवार का विश्वास जीतें और ईमानदारी से मेहनत करें। उनका मानना है कि सोशल मीडिया एक अच्छा प्लेटफॉर्म है, बस सही दिशा में काम करना जरूरी है।

आगे का लक्ष्य: मरारी भाषा में कंटेंट निर्माण

शीतल बताती हैं कि फिलहाल वे अकेले ही वीडियो बना रही हैं और हर प्लेटफॉर्म — इंस्टाग्राम, यूट्यूब और फेसबुक — पर सक्रिय हैं।
भविष्य में वे पूरी तरह मरारी भाषा में वीडियो बनाकर अपनी पहचान और भी मजबूत करना चाहती हैं। उनका लक्ष्य है कि मरारी संस्कृति और भाषा को सोशल मीडिया के माध्यम से दुनिया भर में पहचान दिलाई जाए।

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