बालाघाट, मध्य प्रदेश राज्य का एक महत्वपूर्ण जिला है जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता, खनिज संपदा और सांस्कृतिक विरासत के लिए जाना जाता है। यह जिला सतपुड़ा पर्वतमाला के पूर्वी छोर पर स्थित है और इसकी सीमाएं महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ से लगती हैं। यहां की प्रमुख जनजातियों में बैगा जनजाति प्रमुख है, जो जिले की सांस्कृतिक पहचान को दर्शाती है।
बालाघाट जिले में सबसे बड़ा गांव कौन सा है
बालाघाट जिले में कई गांव बसे हुए हैं, जिनमें से कुछ अपने बड़े भौगोलिक क्षेत्रफल के कारण विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं। आइए जानते हैं क्षेत्रफल के आधार पर बालाघाट जिले के 8 सबसे बड़े गांवों के बारे में विस्तार से।

1. जुगल गांव: बालाघाट का सबसे बड़ा गांव
बालाघाट जिले का सबसे बड़ा गांव जुगल है, जो विकासखंड बैहर के अंतर्गत आता है। इस गांव का कुल क्षेत्रफल 519.38 हेक्टेयर है। यह गांव जिला मुख्यालय बालाघाट से 64 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जुगल गांव अपनी विस्तृत भूमि और प्राकृतिक परिवेश के लिए जाना जाता है।
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2. हर्रादेही गांव: दूसरा सबसे बड़ा गांव
दूसरे स्थान पर आता है हर्रादेही गांव, जो लांजी विकासखंड के अंतर्गत आता है। इसका कुल क्षेत्रफल 4834.73 हेक्टेयर है। यह गांव बालाघाट मुख्यालय से लगभग 95 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह क्षेत्र जनजातीय संस्कृति और ग्रामीण जीवनशैली की एक झलक प्रस्तुत करता है।
3. मशहूरटा गांव
मशहूरटा गांव, जो कि बिरसा विकासखंड में स्थित है, बालाघाट जिले का तीसरा सबसे बड़ा गांव है। इसका क्षेत्रफल 38017.86 हेक्टेयर है और यह जिला मुख्यालय से 103 किलोमीटर दूर स्थित है। यह गांव भी अपनी बड़ी भूमि और खेती-किसानी के लिए जाना जाता है।
4. चकाहीटी गांव
चौथे स्थान पर है चकाहीटी गांव, जो कटंगी विकासखंड के अंतर्गत आता है। इसका कुल क्षेत्रफल 198 हेक्टेयर है और यह गांव जिला मुख्यालय से 69 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह गांव छोटे क्षेत्रफल की तुलना में अधिक कृषि योग्य भूमि और जनसंख्या घनत्व के लिए जाना जाता है।
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5. लहंगा कंधार गांव
लहंगा कंधार गांव, जो कि बाहेर विकासखंड में आता है, पांचवें स्थान पर स्थित है। इसका क्षेत्रफल 300051.94 हेक्टेयर बताया गया है, जो संभवतः टाइपिंग की त्रुटि हो सकती है, फिर भी यह गांव क्षेत्रफल की दृष्टि से बड़ा माना जाता है। यह बालाघाट मुख्यालय से 78 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
6. अज्ञात नामित गांव
छठे स्थान पर स्थित गांव का नाम स्पष्ट नहीं है, लेकिन इसका कुल क्षेत्रफल 2542.47 हेक्टेयर है। यह गांव बालाघाट से 68 किलोमीटर दूर स्थित है और इसकी स्थिति भी प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर बताई जाती है।
7. मठरी गांव
मठरी गांव, जो कि बिरसा विकासखंड के अंतर्गत आता है, बालाघाट जिले का सातवां सबसे बड़ा गांव है। इसका कुल क्षेत्रफल 200347.2 हेक्टेयर है और यह जिला मुख्यालय से 121 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह गांव खेती और जनजातीय आबादी के लिए प्रसिद्ध है।
8. महुरखोर गांव
महुरखोर गांव लांजी विकासखंड में आता है और इसका क्षेत्रफल 2293.52 हेक्टेयर है। यह गांव जिला मुख्यालय से 124 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और अपने प्राकृतिक परिवेश के लिए जाना जाता है।
निष्कर्ष
बालाघाट जिले के गांव न केवल अपने क्षेत्रफल में बड़े हैं, बल्कि उनकी प्राकृतिक सुंदरता, जनजातीय संस्कृति, और सामाजिक ढांचे के कारण भी विशेष स्थान रखते हैं। इन गांवों की जानकारी ग्रामीण योजनाओं, विकास कार्यों, और भौगोलिक अध्ययन के लिए अत्यंत उपयोगी हो सकती है। यदि इन गांवों में आधारभूत संरचनाओं का विकास किया जाए, तो ये जिले के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
मेरा नाम भूमेन्द्र बिसेन है। मैं TazaSanket.in का संस्थापक और एक प्रोफेशनल ब्लॉगर हूं। इस पोर्टल के जरिए मैं मध्य प्रदेश, खासकर बालाघाट की विश्वसनीय लोकल खबरें पहुंचाता हूं। डिजिटल पत्रकारिता में मुझे 4 वर्षों का अनुभव है और मेरा उद्देश्य समाज की सच्चाई को उजागर करना है।






