मध्य प्रदेश के अलीराजपुर जिले के कट्ठीवाड़ा क्षेत्र का विश्व प्रसिद्ध नूरजहां आम एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार अच्छी पैदावार के साथ-साथ इसका भारीभरकम आकार और लाजवाब स्वाद आम प्रेमियों का दिल जीत रहा है। इस खास किस्म के आम का वजन 3 से 5 किलो तक होता है, जो इसे ‘आमों का सुमो’ बनाता है।
आमों की रानी नूरजहां का इतिहास
नूरजहां आम को ‘फलों की रानी’ कहा जाता है। यह 11 से 12 इंच लंबा और कई किलो वजनी होता है। इसकी उत्पत्ति करीब 50 साल पहले शिवराज सिंह जाधव के पिता द्वारा की गई थी। उनके पिता फिल्मों के बड़े शौकीन थे और अपनी पसंदीदा गायिका और अभिनेत्री नूरजहां के नाम पर इस आम का नामकरण किया गया। आज यह आम मध्य प्रदेश ही नहीं, बल्कि गुजरात, महाराष्ट्र, अमेरिका और लंदन तक अपनी खुशबू और स्वाद के लिए जाना जाता है।
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देश-विदेश तक फैली लोकप्रियता
शिवराज सिंह बताते हैं कि उनके 16 एकड़ में फैले बगीचे में 35 किस्मों के आम मौजूद हैं, लेकिन नूरजहां आम सबसे विशेष है। हर साल विभिन्न राज्यों से सैकड़ों लोग इस आम को देखने और खरीदने आते हैं। इसकी खास विशेषता इसका बड़ा आकार और विशिष्ट स्वाद है, जो इसे बाकी आमों से अलग बनाता है। इस आम की प्रसिद्धि ने शिवराज सिंह को राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर कई पुरस्कार भी दिलाए हैं।
कीमत, बुकिंग और वैश्विक पहचान
इस आम की एक विशेष बात यह है कि यह पेड़ पर ही बुक हो जाता है। इसकी एक इकाई की कीमत ₹500 से ₹2500 तक होती है। इतना ही नहीं, यह आम अमेरिका जैसे देशों में भी निर्यात किया गया है। नूरजहां आम आज अलीराजपुर की शान बन चुका है और मध्य प्रदेश को वैश्विक स्तर पर एक नई पहचान दिला रहा है।
निष्कर्ष
नूरजहां आम न सिर्फ अपने आकार, स्वाद और इतिहास के कारण प्रसिद्ध है, बल्कि यह भारतीय कृषि नवाचार का एक अनूठा उदाहरण भी है। यह आम आने वाले वर्षों में भी अपने आकर्षण और स्वाद से लोगों का दिल जीतता रहेगा।
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