मध्य प्रदेश में सोमवार दोपहर मानसून ने बड़वानी, खरगोन, खंडवा और बुरहानपुर के रास्ते दस्तक दी। यह सामान्य तिथि 15 जून से एक दिन देरी से पहुंचा। देश में मानसून 8 दिन पहले आ गया था, जिससे उम्मीद थी कि एमपी में यह जून के पहले सप्ताह में पहुंच जाएगा, लेकिन महाराष्ट्र में अटकने के कारण इसमें देरी हुई।
अब प्रदेश के कई जिलों जैसे बड़वानी, टीकमगढ़, रीवा, अशोकनगर और खंडवा में तेज बारिश शुरू हो गई है। भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक, इस बार मानसून 104% से 106% तक बारिश ला सकता है, यानी करीब 40 इंच तक पानी गिर सकता है। वर्ष 2024 में प्रदेश में 44.1 इंच बारिश दर्ज की गई थी, जिससे फसलों का उत्पादन बेहतर हुआ था।
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जबलपुर, सागर और शहडोल संभाग में इस बार सबसे अधिक बारिश की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार, अच्छी वर्षा से खरीफ फसलों की बुवाई में तेजी आएगी और किसानों को लाभ होगा। कुल मिलाकर, देरी से पहुंचे मानसून ने अब राहत और संभावनाएं दोनों बढ़ा दी हैं।
इस बार सामान्य से अधिक बारिश का पूर्वानुमान
भारतीय मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि इस बार जून से सितंबर के बीच प्रदेश में 104% से 106% तक बारिश हो सकती है। औसतन 39 से 40 इंच बारिश की संभावना है, जो सामान्य से थोड़ी अधिक है। वर्ष 2024 में भी प्रदेश में औसतन 44.1 इंच वर्षा दर्ज की गई थी, जिससे 44 जिलों में कोटे से अधिक बारिश हुई थी। इसका सीधा असर सोयाबीन, गेहूं और चने की पैदावार पर पड़ा था।
जबलपुर और सागर संभाग में सबसे अधिक वर्षा की संभावना
पूर्वानुमानों के अनुसार, जबलपुर, सागर और शहडोल संभाग में सबसे ज्यादा बारिश हो सकती है। वहीं ग्वालियर, चंबल, इंदौर, उज्जैन, नर्मदापुरम, रीवा और भोपाल संभाग में भी अच्छी वर्षा की उम्मीद है। मौसम विभाग का मानना है कि इस बार की अच्छी वर्षा से कृषि उत्पादन में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हो सकती है।
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