भोपाल के हमीदिया कॉलेज परिसर में स्थित 300 साल पुरानी मस्जिद को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। कॉलेज प्रबंधन की ओर से यह आपत्ति जताई गई है कि पढ़ाई के समय मस्जिद से आने वाली अजान की आवाज से छात्रों को पढ़ाई में परेशानी होती है। इसके अलावा कॉलेज की प्रिंसिपल ने छात्राओं की सुरक्षा को लेकर भी गंभीर चिंता जताई है।
प्रशासन का दावा है कि कॉलेज परिसर में मौजूद मजार के आसपास असामाजिक तत्वों की आवाजाही बढ़ गई है। चौकीदारों के अनुसार, यहां शराब की बोतलें और संदिग्ध गाड़ियों की मौजूदगी देखी जाती है, जिससे परिसर का माहौल प्रभावित हो रहा है। प्रिंसिपल का सुझाव है कि गेट को बंद किया जाए और परिसर के अंदर अवैध रूप से खड़ी गाड़ियों को हटाया जाए।

मस्जिद समिति का पक्ष और तर्क
मस्जिद समिति के संरक्षकों का कहना है कि यह मस्जिद लगभग 300 साल पुरानी है और यहां हमेशा से अजान दी जाती रही है। समिति का तर्क है कि आस-पास मंदिरों में भजन होते हैं, मैरिज हॉल में दिनभर तेज़ संगीत बजता है, फिर सिर्फ 1.5 मिनट की अजान से परेशानी क्यों हो रही है? राठौर समाज का मंदिर भी पास में है जहां पिछले दिनों कथा का आयोजन हुआ, लेकिन तब कोई आपत्ति नहीं आई।
मस्जिद समिति के सदस्य आबिद खान ने कहा कि अगर परीक्षा के समय असुविधा होती है तो मजार को अस्थायी रूप से बंद कर दिया जाएगा। साथ ही, अवैध पार्किंग को लेकर उन्होंने स्पष्ट किया कि इसके लिए मस्जिद समिति जिम्मेदार नहीं है।
सियासत की एंट्री और हिंदू-मुस्लिम रंग
अब यह मसला धीरे-धीरे सियासी रंग लेने लगा है। कॉलेज परिसर में मस्जिद, अजान और सुरक्षा को लेकर उठा यह मुद्दा अब हिंदू-मुस्लिम विवाद की ओर बढ़ता नजर आ रहा है। राजनीतिक बयानबाज़ी शुरू हो चुकी है और मामला तूल पकड़ता जा रहा है।
डिस्क्लेमर: यह रिपोर्ट विभिन्न मीडिया स्रोतों और संबंधित पक्षों की बयानों पर आधारित है। किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले अधिकृत जांच की प्रतीक्षा की जानी चाहिए।
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