3 साल से चला रहे थे नशा मुक्ति अभियान, अब मिला संत प्रेमानंद महाराज का साथ, विशाल दामके की मुहिम को मिली बड़ी ताकत

3 साल से चला रहे थे नशा मुक्ति अभियान, अब मिला संत प्रेमानंद महाराज का साथ, विशाल दामके की मुहिम को मिली बड़ी ताकत

धार जिले के ब्लॉक युवा समन्वय कार्यालय के प्रतिनिधि, पुलिस अधीक्षक, खेल और युवा कल्याण विभाग से जुड़े अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी डॉ. विशाल दामके को अब विश्व प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज का साथ मिल गया है। वृंदावन स्थित राधा केली कुंज में हुई इस विशेष मुलाकात के दौरान दोनों के बीच करीब 15 मिनट तक नशा मुक्त भारत अभियान और सूखे नशों पर गंभीर चर्चा हुई।

नशा और व्यभिचार से बर्बाद हो रहा समाज

संत प्रेमानंद महाराज ने बातचीत के दौरान चिंता जताई कि आज के युवा नशा और व्यभिचार की ओर तेजी से बढ़ रहे हैं, जिससे समाज का नैतिक ढांचा कमजोर हो रहा है। उन्होंने कहा कि बच्चों को इस उम्र में ब्रह्मचर्य और विद्या की ओर अग्रसर होना चाहिए, लेकिन वे सिगरेट, शराब, हुक्का, ड्रग्स और अब तो सूखे नशों जैसे थिनर, व्हाइटनर, ऑयल पेंट और पेट्रोल जैसी वस्तुओं का भी सेवन कर रहे हैं।

3 साल से चला रहे थे नशा मुक्ति अभियान, अब मिला संत प्रेमानंद महाराज का साथ, विशाल दामके की मुहिम को मिली बड़ी ताकत

माता-पिता की लापरवाही बन रही है बड़ी वजह

डॉ. दामके ने बताया कि वर्तमान समय में माता-पिता की व्यस्त दिनचर्या का लाभ उठाकर बच्चे घर में ही उपलब्ध सामग्रियों से नशा करना सीख रहे हैं। उन्होंने बताया कि कई बच्चे थिनर, व्हाइटनर और पेट्रोल को रुमाल में लेकर सूंघते हैं, जिससे उन्हें नशा होता है। अभिभावकों को यह तक पता नहीं होता कि ये भी नशे की चीजें हो सकती हैं। ऐसे में जागरूकता बेहद जरूरी है।

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अपराध और हिंसा का कारण बन रहा है नशा

संत प्रेमानंद महाराज ने कहा कि नशा युवाओं को हिंसा, चोरी, व्यभिचार और सामाजिक पतन की ओर धकेल रहा है। बच्चों में नैतिकता खत्म हो रही है, वे माता-पिता से पैसे छीनने, झूठ बोलने और अपराध करने तक से पीछे नहीं हट रहे हैं। महाराज ने कहा, “अगर समाज को नशा और व्यभिचार से मुक्त कर दिया जाए तो यह समाज देवतुल्य हो जाएगा।”

स्कूलों में भी फैली चिंता की लहर

डॉ. दामके ने बताया कि उन्होंने अब तक 15,000 से अधिक छात्र-छात्राओं को नशा मुक्त भारत की शपथ दिलाई है। उन्होंने स्कूलों में जाकर बच्चों को सूखे नशों के दुष्प्रभावों से जागरूक किया है। उनका यह प्रयास लगातार जारी है, ताकि अगली पीढ़ी को नशे के अंधकार से बचाया जा सके।

संगठन की अन्य गतिविधियां

डॉ. दामके की संस्था न केवल नशा मुक्ति पर काम कर रही है, बल्कि वह बालिकाओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण, गुड टच-बैड टच की जानकारी, रोटी बैंक, गौशाला सेवा, और रक्तदान शिविरों जैसी समाजसेवा में भी सक्रिय रूप से योगदान दे रही है।

संत प्रेमानंद महाराज का संदेश

महाराज ने आशीर्वाद देते हुए कहा कि “अगर आज का युवा सुधर जाए, तो भारत का भविष्य सुरक्षित हो जाएगा। पढ़ाई-लिखाई में मन लगेगा, तो यही बच्चे आगे चलकर देश के कर्णधार बनेंगे। हमें मिलकर हर हाल में समाज को नशा मुक्त बनाना होगा।”

निष्कर्ष

डॉ. विशाल दामके की यह पहल सिर्फ एक अभियान नहीं, बल्कि एक क्रांति बन चुकी है, जो धीरे-धीरे पूरे भारत में फैल रही है। संत प्रेमानंद महाराज जैसे संतों का साथ मिलना इस अभियान को नई ऊर्जा और दिशा प्रदान करेगा। अब जरूरत है पूरे समाज को जागरूक होकर इसमें भागीदार बनने की, ताकि आने वाली पीढ़ी स्वस्थ, सशक्त और संस्कारी बन सके।

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