एक बगिया मां के नाम: हर घर बनेगा हरियाली का प्रतीक, सरकार देगी ₹1 लाख की सहायता

एक बगिया मां के नाम: हर घर बनेगा हरियाली का प्रतीक, सरकार देगी ₹1 लाख की सहायता

एक बगिया मां के नाम: मध्य प्रदेश सरकार ने एक और क्रांतिकारी योजना की शुरुआत की है, जो न सिर्फ पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देगी, बल्कि ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर भी बनाएगी। इस योजना का नाम है “मां के नाम बगिया योजना“, जिसके तहत प्रदेश की 3000 महिलाओं के 3000 एकड़ निजी खेतों में बगीचे लगाए जाएंगे। सरकार इसके लिए लगभग 900 करोड़ रुपये की लागत से 30 लाख पौधे उद्यानिकी विभाग के माध्यम से उपलब्ध कराएगी।

अपनी जमीन पर लगाएं पौधे और पाएं ₹1 लाख की सहायता

इस योजना के अंतर्गत यदि कोई महिला अपनी एक एकड़ जमीन पर फलदार पौधे लगाती है तो सरकार उसे ₹1 लाख तक की सहायता देगी। यदि पहले वर्ष फसल नहीं होती है, तो सरकार मुआवजा भी देगी, ताकि महिलाओं को किसी प्रकार की आर्थिक हानि न हो। दूसरे और तीसरे वर्ष में भी पौधों की देखरेख और विकास के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाएगी।

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पौधे, खाद, मजदूरी और तारबंदी भी देगी सरकार

योजना के तहत सरकार हर परिवार को फलों के पौधे, खाद, गड्ढे खोदने की लागत, मजदूरी, और तार फेंसिंग की व्यवस्था भी मुफ्त में देगी। साथ ही सिंचाई व्यवस्था के लिए 500 लीटर का पानी कुंड भी बनवाया जाएगा। यह बगिया हर परिवार के लिए न केवल आर्थिक आय का जरिया बनेगी, बल्कि घर के आसपास हरियाली फैलाकर पर्यावरण को भी संरक्षित करेगी।

पूर्वजों की स्मृति में एक बगिया मां के नाम

मुख्यमंत्री ने योजना को मातृ-प्रेरित अभियान बताते हुए आह्वान किया है कि हर परिवार अपनी माता के नाम से यह बगिया लगाकर पूर्वजों की स्मृति को सम्मानित करें। यह योजना निजी भूमि पर लागू होगी, और फल भी वही परिवार उपयोग कर सकेंगे। सरकार की इस योजना से हर घर हरियाली से भर जाएगा।

FAQs – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

प्र. इस योजना में कौन पात्र है?
उत्तर: जिन महिलाओं के पास एक एकड़ निजी भूमि है, वे इस योजना में आवेदन कर सकती हैं।

प्र. क्या पौधे सरकार की तरफ से मिलेंगे?
उत्तर: हां, उद्यानिकी विभाग द्वारा 30 लाख पौधे नि:शुल्क दिए जाएंगे।

प्र. क्या अगर पहले साल फसल नहीं आई तो मुआवजा मिलेगा?
उत्तर: हां, सरकार द्वारा पहले वर्ष में फसल न होने की स्थिति में मुआवजा दिया जाएगा।

प्र. क्या सिंचाई और तारबंदी का खर्च भी सरकार उठाएगी?
उत्तर: जी हां, फेंसिंग, सिंचाई के लिए कुंड, खाद, मजदूरी आदि का संपूर्ण खर्च सरकार उठाएगी।

निष्कर्ष

“मां के नाम बगिया योजना” मध्य प्रदेश सरकार की एक अभिनव पहल है जो प्रकृति, परिवार और पूर्वजों से जुड़ने का एक सुंदर माध्यम बन रही है। यह योजना ग्रामीण महिलाओं के लिए न केवल आमदनी का नया रास्ता खोलेगी, बल्कि पर्यावरण के प्रति समाज को जागरूक भी बनाएगी। सरकार के इस प्रयास को सच्चे मन से सराहना मिलनी चाहिए।

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