बालाघाट में करोड़ों की लागत से बना सरेखा ओवरब्रिज पहली बारिश में फेल, दीवारों से फव्वारे जैसे निकल रहा पानी, जनता में आक्रोश

बालाघाट में करोड़ों की लागत से बना अंडरपास पहली बारिश में फेल, दीवारों से फव्वारे जैसे निकल रहा पानी, जनता में आक्रोश

बालाघाट जिले के सरेखा ओवरब्रिज के साथ बने अंडरपास में भारी बारिश के चलते पानी का रिसाव शुरू हो गया है। लगातार हो रही बारिश से अंडरपास की दीवारों और सतह से पानी की धार फव्वारों की तरह निकलती दिखाई दे रही है। अंडरपास के निचले हिस्सों में पानी के गुब्बारे फूटते नजर आ रहे हैं। यह स्थिति अब राहगीरों के लिए गंभीर परेशानी का कारण बन गई है। लोगों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है, क्योंकि यह अंडरपास महज एक साल पहले ही तैयार हुआ था, लेकिन पहली ही बारिश में इसकी खामियां सामने आ गई हैं।

जलभराव से वाहन बंद, राहगीरों की बढ़ी मुश्किलें

मंगलवार को जलभराव के चलते कई वाहन अंडरपास में बंद हो गए। कुछ युवाओं ने घुटनों तक पानी में उतरकर इन वाहनों को बाहर निकालने की कोशिश की। दीवारों पर कई जगह गड्ढे बन गए हैं, जिससे झरने की तरह पानी बह रहा है। आवाजाही पूरी तरह से प्रभावित हो गई है। सरखा रेलवे क्रॉसिंग को बंद कर अंडरपास से ही आवाजाही का रास्ता खोला गया था, लेकिन अब यह एकमात्र रास्ता भी खतरे में है।

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स्थानीय पार्षद ने निर्माण कार्य को बताया घटिया

वार्ड क्रमांक 30 के पार्षद प्रवीण मदनकर ने बताया कि अंडरपास निर्माण के दौरान गुणवत्ता का बिल्कुल भी ध्यान नहीं रखा गया। दीवारों से पानी फव्वारों की तरह निकल रहा है, जिससे हादसे हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह करोड़ों की लागत से बना प्रोजेक्ट है, लेकिन इसमें इतनी खराबी है कि जनता रोजाना परेशान हो रही है। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि तत्काल निरीक्षण कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

सांसद ने दिए जांच के आदेश, जल्द होगी कार्रवाई

इस गंभीर स्थिति को देखते हुए सांसद भारती पारधी ने भी दूरभाष पर चर्चा के दौरान कहा कि मामला उनके संज्ञान में आया है। उन्होंने बताया कि रेलवे अधिकारियों से इस संबंध में बातचीत हुई है और निर्माण कार्य में गुणवत्ता को लेकर हमेशा ही निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने माना कि पानी का रिसाव भविष्य में गंभीर समस्या बन सकता है। उन्होंने इस पूरे मामले की जांच कराने और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की बात कही है।

जनता की सुरक्षा पर सवाल, क्या लापरवाही पर लगेगा लगाम?

अब सवाल यह उठता है कि क्या करोड़ों खर्च करने के बाद भी लोगों को सुरक्षित आवागमन की सुविधा नहीं मिल सकती? अगर समय रहते जांच और सुधार नहीं किया गया, तो यह अंडरपास भविष्य में एक बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकता है। जनता की उम्मीदें अब जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से हैं कि वे जल्द से जल्द इस मामले में ठोस कार्रवाई करें।

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