जैसे ही द ग्रेट खली से पहली बार मुलाकात हुई, उनकी 7 फुट से भी ज्यादा लंबाई देखकर हर कोई चौंक गया। उनके सामने कोई भी आम इंसान बेहद छोटा लगता है। बातचीत की शुरुआत में जब उनकी हाइट का जिक्र हुआ, तो उन्होंने बताया कि यह गुण उन्हें उनके दादा जी से मिला है, जिनकी हाइट 6.5 फुट थी।
द ग्रेट खली: रेसलिंग से ढाबे तक की सफर
खली ने अपने रेसलिंग करियर के साथ-साथ खाने के प्रति अपने पैशन को भी जिया। उन्होंने बताया कि जिम और रेसलिंग के लिए स्ट्रिक्ट डाइट फॉलो करने के बावजूद वे खाने के शौकीन रहे हैं। उन्होंने ग्रेट खली ढाबा की शुरुआत इसी सोच के साथ की कि लोगों को हाईवे पर हेल्दी और स्वादिष्ट खाना मिल सके, खासकर एनआरआई ग्राहकों को।
द ग्रेट खली थाली चैलेंज – जब लड़की ने दे दी टक्कर
खली के ढाबे पर सबसे खास चीज है उनकी विशाल थाली। इस थाली को खत्म करना अपने आप में एक चैलेंज है। लेकिन जब एक लड़की ने द ग्रेट खली को खाने में टक्कर दी, तो सब हैरान रह गए। दस मिनट में सबसे ज्यादा खाने का चैलेंज शुरू हुआ और आखिर में वही लड़की विजेता बनी। खली ने भी माना कि उन्होंने किसी लड़की को पहली बार इतना खाते देखा है।
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रेसलिंग करियर की यादें और पहली फाइट
खली ने अपनी रेसलिंग की शुरुआत के संघर्षों और अनुभवों को साझा किया। उन्होंने बताया कि अंडरटेकर के खिलाफ उनकी पहली फाइट ही सबसे यादगार रही क्योंकि वहीं से दुनिया ने उन्हें पहचाना। उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने ट्रिपल एच, द रॉक और स्टोन कोल्ड स्टीव ऑस्टिन जैसे सुपरस्टार्स को फॉलो किया था।
WWE छोड़ने का फैसला और नई शुरुआत
खली ने बताया कि उन्होंने WWE को इसलिए छोड़ा क्योंकि वे भारत लौटकर एकेडमी खोलना चाहते थे, ताकि युवा पीढ़ी को रेसलिंग की सही ट्रेनिंग मिल सके। उन्होंने बताया कि WWE में लाखों डॉलर मिलते हैं लेकिन देश में लौटकर युवाओं के भविष्य को तैयार करना उनका सपना था।
फिटनेस टिप्स और लाइफ एडवाइस
खली ने स्पष्ट कहा कि फिटनेस में जल्दबाजी नुकसानदायक है। उन्होंने युवाओं को सलाह दी कि वे स्टेरॉइड्स से दूर रहें और कड़ी मेहनत, रनिंग और बेसिक डाइट के ज़रिए ही मसल्स बनाएं।
अंत में—सुपरस्टार खली, लेकिन दिल से देसी
पूरे इंटरव्यू में खली का विनम्र और देसी स्वभाव झलकता है। चाहे बात उनकी रेसलिंग की हो, या गांव से निकलकर पूरी दुनिया घूमने की—उन्होंने हर कदम पर संघर्ष किया और सफलता पाई। और आज वे अपनी मेहनत से भारत के युवाओं को प्रेरित कर रहे हैं—ढाबे के स्वाद से लेकर जिम के पसीने तक।
मेरा नाम भूमेन्द्र बिसेन है। मैं TazaSanket.in का संस्थापक और एक प्रोफेशनल ब्लॉगर हूं। इस पोर्टल के जरिए मैं मध्य प्रदेश, खासकर बालाघाट की विश्वसनीय लोकल खबरें पहुंचाता हूं। डिजिटल पत्रकारिता में मुझे 4 वर्षों का अनुभव है और मेरा उद्देश्य समाज की सच्चाई को उजागर करना है।







