बालाघाट जिले के परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के विधायक मधु भगत इन दिनों राजनीति की चकाचौंध से दूर अपने गांव चरेगांव में सादगी भरे किसान रूप में नजर आ रहे हैं। सावन का महीना है, धान की रोपाई अपने चरम पर है, और ऐसे समय में विधायक जी भी खुद कीचड़ में उतरकर अपने परिवार के साथ खेतों में धान की रोपाई करते दिखाई दे रहे हैं। पांव में मिट्टी, सादे कपड़े और हाथ में धान का पौधा ये कोई आम किसान नहीं, बल्कि जनप्रतिनिधि मधु भगत की तस्वीर है।
परिवार संग खेतों में पसीना बहाते विधायक
खेत में ट्रैक्टर चलाते हुए और धान के पौधे लगाते हुए विधायक जी के साथ उनके बेटे, भतीजे और परिवार के अन्य सदस्य भी शामिल हैं। बिना किसी दिखावे और तामझाम के, विधायक मधु भगत पूरी सादगी के साथ खेती कर रहे हैं। यह केवल एक दिखावा नहीं, बल्कि उनके जीवन का हिस्सा है। विधायक बनने से पहले भी वे खेती में पूरे मन से जुटते थे और आज भी जब समय मिलता है, तो राजनीति छोड़ सीधे अपने खेत में पहुंच जाते हैं।
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किसानों के लिए संदेश और भावनात्मक जुड़ाव
मधु भगत ने श्रावण मास के अवसर पर जिले और प्रदेश के सभी किसानों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वे हमेशा खेती से जुड़े रहते हैं और महसूस करते हैं कि एक किसान कितनी मेहनत से अन्न उगाता है। उन्होंने कहा, “मैं आज बहुत सौभाग्यशाली महसूस कर रहा हूं कि अपने खेत में हूं। मेरे साथ पूरा परिवार है। मैं चाहता हूं कि हर भारतीय नागरिक खुद को अन्नदाता का बेटा समझे। यही भारत की खूबसूरती है कि यहां हमें खेती करने, बोलने और आगे बढ़ने की पूरी आज़ादी है।”
विधायक मधु भगत का यह खेत से जुड़ाव न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि राजनीति में सक्रिय अन्य जनप्रतिनिधियों के लिए भी एक सकारात्मक संदेश देता है।
मेरा नाम भूमेन्द्र बिसेन है। मैं TazaSanket.in का संस्थापक और एक प्रोफेशनल ब्लॉगर हूं। इस पोर्टल के जरिए मैं मध्य प्रदेश, खासकर बालाघाट की विश्वसनीय लोकल खबरें पहुंचाता हूं। डिजिटल पत्रकारिता में मुझे 4 वर्षों का अनुभव है और मेरा उद्देश्य समाज की सच्चाई को उजागर करना है।






