17 जुलाई को बालाघाट जिले के अतिथि शिक्षकों ने अतिथि शिक्षक समन्वय समिति के बैनर तले कलेक्टर के नाम छह सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा। शिक्षकों ने अनिवार्य की गई ई-अटेंडेंस प्रणाली का विरोध करते हुए साफ कहा कि जब तक उन्हें नियमित शिक्षकों जैसी सुविधाएं नहीं मिलतीं, तब तक वे इसका समर्थन नहीं करेंगे। उन्होंने मांग की कि महिला शिक्षकों को मातृत्व अवकाश और सीएल, ईएल जैसी छुट्टियों की सुविधा दी जाए और वेतन में भी बढ़ोतरी की जाए।
मोबाइल और नेटवर्क की कमी बनी बड़ी चुनौती
अतिथि शिक्षकों ने बताया कि ई-अटेंडेंस की अनिवार्यता व्यवहारिक नहीं है, क्योंकि अधिकतर शिक्षकों के पास आज भी एंड्रॉयड मोबाइल नहीं हैं। वहीं, कई स्कूल ऐसे क्षेत्रों में स्थित हैं जहां मोबाइल नेटवर्क की भी भारी कमी है। एक महिला अतिथि शिक्षक ने बताया कि दूरदराज और पहाड़ी क्षेत्रों में तो नेटवर्क मिलना ही मुश्किल है। ऐसे में ई-अटेंडेंस देना असंभव है।
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वेतन में देरी और संसाधनों की कमी
शिक्षकों ने यह भी कहा कि उन्हें कई-कई महीनों तक वेतन नहीं मिलता, जिससे परिवार चलाना भी कठिन हो गया है। ऐसे में सरकार से यह अपेक्षा करना कि वे स्मार्टफोन लेकर ई-अटेंडेंस दें, न्यायसंगत नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि सरकार उन्हें नियमित शिक्षकों जैसी सुविधाएं देती है, तो वे ई-अटेंडेंस को अपनाने के लिए तैयार हैं, लेकिन जब तक बुनियादी समस्याओं का समाधान नहीं होता, तब तक इसका विरोध जारी रहेगा।
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