स्थानीय कालीपतली चौक स्थित हनुमान मंदिर परिसर में विश्व हिंदू परिषद और सर्व समाज के पदाधिकारियों की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य आगामी गणेश उत्सव और नवरात्रि पर्व के दौरान गरबा डांडिया के नाम पर होने वाले डांस और अन्य गैर-सांस्कृतिक आयोजनों पर प्रतिबंध को लेकर चर्चा करना था।
धार्मिक भावनाओं के विरुद्ध आयोजनों पर जताई चिंता
बैठक में विश्व हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष यज्ञेश लालू चावड़ा ने कहा कि नवरात्रि जैसे पावन पर्व पर देवी आराधना की आड़ में मौज-मस्ती और अशोभनीय गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है, जो हिंदू समाज की धार्मिक भावनाओं को आहत करता है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि अब समय आ गया है कि समाज मिलकर इस प्रकार की गतिविधियों पर रोक लगाए।

पारंपरिक आयोजनों को मिलेगा प्रोत्साहन
बैठक में सर्व समाज महिला मंडल और आयोजन समितियों से जुड़े सदस्यों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि नवरात्रि के नौ दिनों में केवल देवी आराधना से जुड़े पारंपरिक आयोजन ही किए जाएंगे। कोई भी कार्यक्रम जो धार्मिक भावनाओं के खिलाफ हो, उसे अनुमति नहीं दी जाएगी, न ही उसे सार्वजनिक स्थलों पर आयोजित किया जाएगा।
आयोजकों को दी गई सख्त हिदायत
आयोजनकर्ताओं से आग्रह किया गया कि वे अपने परिसरों में ऐसे आयोजनों की अनुमति न दें, जो हमारी संस्कृति और परंपरा के खिलाफ हों। बैठक में यह भी स्पष्ट किया गया कि जैसे पिछले वर्ष नवरात्रि के नौ दिन गरबा जैसे आयोजनों पर पूर्ण प्रतिबंध था, वैसा ही इस वर्ष भी रहेगा।
प्रशासन से की गई सख्त मांग
बैठक में निर्णय लिया गया कि इन नौ दिनों के दौरान किसी भी प्रकार के डांस इवेंट्स को न अनुमति मिले, न ग्राउंड, न साउंड और न कोई अन्य सहूलियत। सभी आयोजकों ने बैठक में इस निर्णय को स्वीकारते हुए वचन दिया कि वे माता रानी के पावन पर्व में किसी भी तरह की अशोभनीय गतिविधि नहीं करेंगे।
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