Paddy Registration MP: बालाघाट जिले के लालबर्रा क्षेत्र में इस वर्ष 2025–26 के लिए समर्थन मूल्य पर धान खरीदी हेतु पंजीयन की प्रक्रिया बिना पर्याप्त प्रचार-प्रसार के ही पूरी कर दी गई। जानकारी के अभाव में और समय बेहद कम मिलने के कारण नव सेवा सहकारी समिति क्षेत्र के करीब 400 से 500 किसान पंजीयन नहीं करवा पाए। तिथि समाप्त होने के बाद अब किसान बेहद परेशान हैं, क्योंकि बिना पंजीयन सरकार उनकी फसल नहीं खरीदेगी।
किसानों की गुहार—“तारीख बढ़ाओ, हमारी फसल बचाओ”
पंजीयन की अंतिम तिथि समाप्त हुए 18 दिन बीत चुके हैं। इसके बावजूद शासन-प्रशासन की तरफ से किसी प्रकार की सुनवाई नहीं हो रही। किसान लगातार समितियों और दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं, ताकि पंजीयन की प्रक्रिया फिर से शुरू हो जाए और वे अपनी उपज को समर्थन मूल्य पर बेच सकें।

व्यापारी खरीदेंगे कौड़ियों के भाव
यदि पंजीयन पुनः प्रारंभ नहीं हुआ तो किसानों को मजबूरी में फसल व्यापारियों को कम दाम पर बेचनी पड़ेगी। किसानों का अनुमान है कि उन्हें प्रति क्विंटल ₹400 से ₹500 तक का नुकसान उठाना पड़ेगा। यह नुकसान हजारों नहीं, बल्कि लाखों में होगा—और इसका सीधा असर उनके परिवार और रबी की तैयारी पर पड़ेगा।
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किसानों की बात—“हमें जानकारी ही नहीं थी!”
किसानों का कहना है कि तिथि बढ़ने की उम्मीद में वो इंतजार करते रह गए। क्षेत्र में न कोई प्रचार हुआ, न ही पंचायत स्तर पर सही जानकारी पहुंची। एक किसान ने कहा— हमें पता ही नहीं था कि पंजीयन इतने जल्दी बंद हो जाएगा। सिर्फ 25% किसानों का ही पंजीयन हो पाया है, बाकी सब छूट गए।
दूसरे किसान ने पीड़ा जताई—अगर सरकार समर्थन मूल्य पर धान नहीं खरीदेगी तो हमें बड़ा नुकसान होगा। बोनस भी नहीं मिलेगा। हमारी मेहनत पर पानी फिर जाएगा।
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— kisan jankari (@JankariKisan) October 2, 2025
प्रशासन पर सवाल—“सूचना कहाँ थी?”
किसानों का आरोप है कि सरकार ने:
- न गांवों में जागरूकता अभियान चलाया
- न समितियों में सूचना बोर्ड लगाए
- न पंचायत स्तर पर सूचना पहुंचाई
इस वजह से लगभग पूरा क्षेत्र पंजीयन से वंचित रह गया।
किसानों की आवाज—10 दिन का समय और दीजिए
किसान एक ही मांग कर रहे हैं—
“कम से कम 10 दिन का और समय दिया जाए, ताकि कोई भी किसान समर्थन मूल्य के लाभ से वंचित न रहे।”
वे प्रशासन से उम्मीद लगाए बैठे हैं कि जल्द ही पंजीयन पुनः शुरू होगा और उनकी सालभर की मेहनत का उचित मूल्य मिलेगा।
निष्कर्ष- Paddy Registration MP
धान की फसल किसान पूरे साल मेहनत कर तैयार करते हैं। अगर सरकार समय पर खरीद सुनिश्चित नहीं करेगी तो किसान कर्ज और नुकसान के दलदल में फंसते जाएंगे। प्रदेश सरकार को उद्देश्य होना चाहिए—हर किसान को उसका हक मिले लेकिन बार-बार प्रक्रिया में लापरवाही… किसानों को सड़क पर उतारने की कगार तक पहुँचा रही है।
मेरा नाम भूमेन्द्र बिसेन है। मैं TazaSanket.in का संस्थापक और एक प्रोफेशनल ब्लॉगर हूं। इस पोर्टल के जरिए मैं मध्य प्रदेश, खासकर बालाघाट की विश्वसनीय लोकल खबरें पहुंचाता हूं। डिजिटल पत्रकारिता में मुझे 4 वर्षों का अनुभव है और मेरा उद्देश्य समाज की सच्चाई को उजागर करना है।







