Dangorli Bridge Balaghat: वारासिवनी से गोंदिया तक सफर हुआ आसान! वैनगंगा नदी पर 25 करोड़ की लागत से बना साकड़ी-डांगोली पुल शुरू

Dangorli Bridge Balaghat: वारासिवनी से गोंदिया तक सफर हुआ आसान! वैनगंगा नदी पर 25 करोड़ की लागत से बना साकड़ी-डांगोली पुल शुरू

Dangorli Bridge Balaghat: बालाघाट जिले के वारासिवनी क्षेत्र से महाराष्ट्र राज्य के गोंदिया और तिरोड़ा की ओर जाने वाले नागरिकों के लिए अब एक बड़ी राहत की खबर है। वैनगंगा नदी पर साकड़ी-डांगोली घाट के बीच 25 करोड़ रुपये की लागत से बना उच्च स्तरीय पुल तैयार हो गया है और इस पर से आवागमन भी शुरू हो गया है। इस पुल के निर्माण से क्षेत्र के लोगों को अब बालाघाट शहर होकर घूमकर जाने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

अब नहीं लगाना होगा 16 किलोमीटर का चक्कर

पहले वारासिवनी से गोंदिया पहुंचने के लिए लोगों को लगभग 16 किलोमीटर लंबा चक्कर लगाना पड़ता था, लेकिन अब वे सीधे बेनी, साकड़ी और डांगोली होते हुए गोंदिया पहुंच सकेंगे। इससे न केवल समय की बचत होगी, बल्कि ईंधन और श्रम की भी बचत होगी। नया पुल बनने से वारासिवनी क्षेत्र के लोगों का दैनिक जीवन अधिक सुगम और सुरक्षित हो गया है।

Dangorli Bridge Balaghat: वारासिवनी से गोंदिया तक सफर हुआ आसान! वैनगंगा नदी पर 25 करोड़ की लागत से बना साकड़ी-डांगोली पुल शुरू

पहले नाव ही थी एकमात्र सहारा

वैनगंगा नदी पर पुल बनने से पहले लोगों को नदी पार करने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ता था। आधे किलोमीटर से थोड़ी अधिक चौड़ाई की यह नदी पार करना कई बार जोखिम भरा साबित होता था। बारिश के दिनों में स्थिति और भी खतरनाक हो जाती थी। कई बार तेज बहाव में नाव डूबने जैसी घटनाएं भी हुईं। उस समय लोगों को नदी पार करने के लिए अतिरिक्त किराया देना पड़ता था, जिससे आर्थिक बोझ भी बढ़ता था।

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अब हर मौसम में सुरक्षित सफर संभव

साकड़ी-डांगोली पुल बन जाने के बाद अब क्षेत्र के लोगों को हर मौसम में सुरक्षित आवागमन की सुविधा मिल गई है। बारिश, बाढ़ या तेज बहाव जैसी प्राकृतिक बाधाएं अब उनके सफर में रुकावट नहीं डाल पाएंगी। यह पुल ग्रामीणों, किसानों और पशुपालकों के लिए एक स्थायी राहत का साधन बन गया है।

किसानों और ग्रामीणों के लिए आर्थिक वरदान

नए पुल से बेनी, साकड़ी, सतोना और आसपास के गांवों के किसानों और पशुपालकों को सबसे अधिक लाभ हुआ है। अब वे अपने कृषि उत्पाद, दूध और अन्य सामग्री गोंदिया व तिरोड़ा के बाजारों में आसानी से पहुंचा सकते हैं। परिवहन समय और खर्च दोनों कम होने से उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है। यह पुल इन गांवों के लिए वास्तव में आर्थिक विकास का द्वार साबित हो रहा है।

शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं में भी मिली राहत

पुल के निर्माण से ग्रामीणों को अब स्वास्थ्य सेवाओं और शिक्षा सुविधाओं तक आसान पहुंच मिल गई है। पहले जहां बीमार मरीजों को गोंदिया या बालाघाट पहुंचने में लंबा समय लगता था, अब यह दूरी काफी कम हो गई है। वहीं छात्र-छात्राओं को भी अब बेहतर शिक्षा संस्थानों तक पहुंचना आसान हो गया है।

विकास और प्रगति की नई राह

साकड़ी-डांगोली पुल केवल एक आवागमन मार्ग नहीं, बल्कि यह क्षेत्र की प्रगति और आपसी संबंधों को मजबूत करने वाला सेतु बन गया है। वैनगंगा नदी के दोनों किनारों के लोगों के बीच अब व्यापार, शिक्षा और सामाजिक रिश्तों में नजदीकियां बढ़ी हैं। यह पुल बालाघाट और गोंदिया जिलों के बीच आपसी सहयोग और विकास की नई शुरुआत का प्रतीक बन चुका है।

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