वाराशिवनी में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के कार्यकर्ताओं ने 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक लगे आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर रैली निकालकर आपातकाल का प्रतीकात्मक पुतला दहन किया। इस प्रदर्शन के दौरान संगठन ने आपातकाल के काले अध्याय को याद कर लोकतंत्र की रक्षा का संकल्प दोहराया।
लोकतंत्र की हत्या, अभिव्यक्ति की आज़ादी पर हमला
जिला संयोजक आदित्य अग्रवाल ने कहा कि आपातकाल भारतीय लोकतंत्र पर एक धब्बा है, जहां नागरिक अधिकार छीन लिए गए, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का गला घोंटा गया, और पत्रकारों को जेल में डाला गया। उन्होंने इसे एक तानाशाही मानसिकता का उदाहरण बताया और कहा कि ABVP उस समय से लेकर आज तक लोकतंत्र की रक्षा के लिए अग्रिम पंक्ति में खड़ी है।
यह प्रदर्शन सिर्फ इतिहास को याद करने के लिए नहीं था, बल्कि एक चेतावनी है कि देश में फिर कभी लोकतंत्र का दमन न हो। 50 वर्ष पूर्व की गई गलती को देशवासी कभी नहीं भूल सकते।
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