इंदौर की 12वीं कक्षा की छात्रा अनन्या वाधवानी ने उस समय सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा जब उन्हें एक दिन के लिए शहर की महापौर बनने का मौका मिला। यह पहल महापौर पुष्य मित्र भार्गव द्वारा शुरू की गई, जिसका उद्देश्य स्कूली छात्रों को प्रशासनिक कार्य प्रणाली से रूबरू कराना है।
अनन्या ने स्कूल से सीधा नगर निगम कार्यालय पहुंचकर महापौर की कुर्सी संभाली और पूरा दिन प्रशासनिक गतिविधियों में हिस्सा लिया। उन्होंने बताया कि यह अनुभव उनके लिए सिर्फ एक लर्निंग नहीं था, बल्कि समाज को समझने और खुद को सुधारने की दिशा में एक बड़ा कदम था।
अनुभव रहा अद्वितीय और प्रेरणादायक
अनन्या ने कहा कि उन्होंने देखा कि कैसे महापौर हर समस्या को समान महत्व देकर हल करने की कोशिश कर रहे थे। चाहे कोई भी समस्या हो, महापौर ने सभी को गंभीरता से सुना और समाधान की दिशा में प्रयास किए। यह देखकर उन्हें सेल्फलेस सर्विस का महत्व समझ में आया।
read more: बालाघाट को मिली अंडर-16 नेशनल फुटबॉल चैंपियनशिप की मेजबानी, 26 जुलाई से होगा धमाकेदार आगाज़
उन्होंने यह भी बताया कि इस दिन ने उन्हें ‘वासुदेव कुटुंबकम’ की भावना को अपनाने, सहानुभूति रखने और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने की प्रेरणा दी। उनका कहना था कि यह दिन सिर्फ एक प्रशासनिक अनुभव नहीं था, बल्कि एक ऐसा अवसर था जिससे वे खुद को और अपने आसपास की दुनिया को बेहतर बना सकें।
निष्कर्ष
अनन्या वाधवानी का यह अनुभव न केवल उनके लिए बल्कि अन्य छात्रों के लिए भी प्रेरणास्रोत बन गया है। यह पहल बच्चों में नेतृत्व, सेवा और समाज के प्रति जिम्मेदारी की भावना विकसित करने की दिशा में एक शानदार प्रयास है।
मेरा नाम भूमेन्द्र बिसेन है। मैं TazaSanket.in का संस्थापक और एक प्रोफेशनल ब्लॉगर हूं। इस पोर्टल के जरिए मैं मध्य प्रदेश, खासकर बालाघाट की विश्वसनीय लोकल खबरें पहुंचाता हूं। डिजिटल पत्रकारिता में मुझे 4 वर्षों का अनुभव है और मेरा उद्देश्य समाज की सच्चाई को उजागर करना है।







