Balaghat Cooperative Bank Strike: बालाघाट जिले की 126 सहकारी सोसाइटियों में कर्मचारियों ने 8 सितंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। इस लेख में हम बताएंगे कि हड़ताल का सीधा असर किसानों और गरीबों पर कैसे पड़ रहा है, कर्मचारी किस मांग को लेकर आंदोलित हैं, जिला सहकारी बैंक में क्यों हुई तालाबंदी, और आने वाले दिनों में आंदोलन का स्वरूप कैसा होगा।
सहकारी कर्मचारियों की मांगों को लेकर ठप हुई सेवाएं
सहकारी समिति कर्मचारी महासंघ के बैनर तले प्रदेशभर में यह हड़ताल शुरू हुई है। बालाघाट जिले में इसका सीधा असर दिखाई दे रहा है। किसानों को खाद-बीज नहीं मिल पा रहे हैं और गरीब परिवारों को पीडीएस वितरण की सेवाएं बंद हो चुकी हैं।
कर्मचारियों की प्रमुख मांगों में 60 प्रतिशत कर्मचारियों को प्रबंधक पद पर पदोन्नति, विक्रेताओं को ₹3000 मानदेय, और हर सोसाइटी को प्रतिवर्ष लाखों का प्रबंधकीय अनुदान शामिल है। कर्मचारियों का कहना है कि शासन स्तर से कई बार आदेश जारी होने के बावजूद इनका पालन नहीं किया गया है।
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धान खरीदी का भुगतान अटका, किसानों की परेशानी बढ़ी
कर्मचारी महासंघ के जिला अध्यक्ष बीसी चौहान ने बताया कि पिछले वर्ष समर्थन मूल्य पर खरीदी गई धान का भुगतान अब तक 1600 से अधिक किसानों को नहीं मिल पाया है। साथ ही सोसाइटियों के अनुदान से ₹6 करोड़ से अधिक की राशि जमा कराई गई थी, जो अभी तक वापस नहीं की गई है। इससे किसानों की आर्थिक स्थिति डांवाडोल हो रही है।
जिला सहकारी बैंक पर तालाबंदी, गरजे कर्मचारी
लगातार आठ दिनों से हड़ताल जारी रहने के बाद भी जब शासन स्तर से कोई पहल नहीं हुई तो सोमवार को आक्रोशित कर्मचारियों ने नगर में रैली निकालकर जिला सहकारी बैंक के मुख्य द्वार पर तालाबंदी कर दी। इस दौरान प्रदेश स्तर के पदाधिकारी भी शामिल हुए और जमकर नारेबाजी हुई। कर्मचारियों ने साफ चेतावनी दी कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होंगी, आंदोलन जारी रहेगा।
भोपाल में होगा बड़ा आंदोलन
महासंघ ने साफ कहा है कि अगर मांगें पूरी नहीं की गईं तो 26 सितंबर को भोपाल में एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा। इसमें 55,000 से अधिक सहकारी समिति और पीडीएस कर्मचारी शामिल होंगे। कर्मचारी नेताओं का कहना है कि अब यह लड़ाई केवल जिले तक सीमित नहीं रहेगी बल्कि प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर भी उठेगी।
आक्रोश और चेतावनी
प्रांतीय पदाधिकारियों ने मंच से कहा कि यह कर्मचारियों का हक है, जिसे अब उन्हें हर हाल में मिलेगा। यदि शासन ने ध्यान नहीं दिया तो यह हड़ताल और आंदोलन और भी बड़ा रूप लेगा। कर्मचारियों ने बैंक अधिकारियों को चेताया कि यदि आदेशों का पालन नहीं हुआ तो विरोध और उग्र होगा।
FAQs
प्रश्न 1: बालाघाट में सहकारी कर्मचारियों की हड़ताल कब से शुरू हुई है?
उत्तर: यह हड़ताल 8 सितंबर से अनिश्चितकालीन रूप से शुरू हुई है।
प्रश्न 2: हड़ताल का सबसे ज्यादा असर किन पर पड़ा है?
उत्तर: किसानों को खाद-बीज नहीं मिल पा रहे हैं और गरीब परिवारों को पीडीएस वितरण से वंचित रहना पड़ रहा है।
प्रश्न 3: कर्मचारियों की मुख्य मांगें क्या हैं?
उत्तर: कर्मचारियों की प्रमुख मांगों में पदोन्नति, ₹3000 मानदेय और सोसाइटियों को प्रबंधकीय अनुदान शामिल हैं।
प्रश्न 4: आंदोलन का अगला कदम क्या होगा?
उत्तर: 26 सितंबर को भोपाल में 55,000 से अधिक कर्मचारी बड़ा आंदोलन करेंगे।
मेरा नाम भूमेन्द्र बिसेन है। मैं TazaSanket.in का संस्थापक और एक प्रोफेशनल ब्लॉगर हूं। इस पोर्टल के जरिए मैं मध्य प्रदेश, खासकर बालाघाट की विश्वसनीय लोकल खबरें पहुंचाता हूं। डिजिटल पत्रकारिता में मुझे 4 वर्षों का अनुभव है और मेरा उद्देश्य समाज की सच्चाई को उजागर करना है।






