मध्य प्रदेश शासन द्वारा 5 मई की सुबह आठ पुलिस अधिकारियों का स्थानांतरण किया गया। खास बात यह रही कि इस सूची में बालाघाट के पुलिस अधीक्षक नागेंद्र सिंह का नाम भी शामिल है। वहीं, बालाघाट जिले की कमान अब आईपीएस अधिकारी आदित्य मिश्रा को सौंपी गई है, जो इससे पहले जिले में बतौर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (नक्सल) पदस्थ रह चुके हैं।
9 महीने में नक्सलियों पर कसा शिकंजा
आईपीएस नागेंद्र सिंह ने बालाघाट जिले में मात्र 9 महीने की सेवा दी। उन्होंने 16 अगस्त 2024 को बतौर पुलिस अधीक्षक कार्यभार संभाला था। इस अवधि में उन्होंने जिले की नक्सली गतिविधियों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए निरंतर प्रयास किए। उनके नेतृत्व में बालाघाट पुलिस ने लगभग पांच इनामी नक्सलियों को मुठभेड़ में मार गिराया, जो एक बड़ी उपलब्धि मानी गई। साथ ही उन्होंने बालाघाट को नक्सल मुक्त बनाने में अहम भूमिका निभाई।

आपराधिक घटनाओं पर भी दिखा असर
एसपी नागेंद्र सिंह के कार्यकाल में जिले में घटित हत्या, चोरी और लूट जैसे गंभीर आपराधिक मामलों में भी पुलिस ने प्रभावी कार्रवाई की। उनकी अचानक हुई पदस्थापना परिवर्तन को लेकर जिलेभर में चर्चा का माहौल है और आमजन के बीच यह एक बड़ा प्रशासनिक फैसला माना जा रहा है।
आदित्य मिश्रा को दोबारा बालाघाट की जिम्मेदारी
राजगढ़ के एसपी और 2018 बैच के आईपीएस अधिकारी आदित्य मिश्रा अब बालाघाट पुलिस अधीक्षक की जिम्मेदारी संभालेंगे। वे पूर्व में यहां एएसपी नक्सल ऑपरेशन के रूप में कार्य कर चुके हैं। उनके कार्यकाल में डबल मनी जैसे चर्चित मामलों में उन्होंने उल्लेखनीय भूमिका निभाई थी। नक्सल क्षेत्रों में उनकी मजबूत पकड़ और अनुभव के चलते उनके दोबारा आगमन से जिले में सुरक्षा व्यवस्था को और सुदृढ़ होने की उम्मीद है।
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