ई-अटेंडेंस को लेकर शिक्षकों में भारी असंतोष देखने को मिल रहा है। एक ओर जहां अधिकांश शिक्षक इस नियम के विरोध में जगह-जगह धरना प्रदर्शन और ज्ञापन सौंप रहे हैं, वहीं कुछ शिक्षक ऐसे भी हैं जो वेतन कटने के डर या प्रशासनिक कार्यवाही की आशंका से चुपचाप सार्थक मोबाइल ऐप के माध्यम से हाजिरी लगा रहे हैं।
जिले में बेहद कम अनुपालन
जिले में ई-अटेंडेंस लगाने वाले शिक्षकों की संख्या कुल शिक्षकों का महज 5% भी नहीं है। फिर भी ये शिक्षक शासन के आदेश का पालन कर रहे हैं। दूसरी ओर 95% से अधिक शिक्षक इस व्यवस्था का विरोध कर रहे हैं।
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— Brajesh Rajput (@drbrajeshrajput) July 2, 2025
DEO का सख्त रुख
जिला शिक्षा अधिकारी अश्विनी कुमार उपाध्याय ने स्पष्ट किया है कि शासन के निर्देशों का जिले में सख्ती से पालन कराया जाएगा। सवाल यह है कि क्या शिक्षा विभाग 5% से कम अनुपालन पर संतोष करेगा या फिर बाकी शिक्षकों को भी ई-अटेंडेंस लगाने के लिए मजबूर किया जाएगा।
आंकड़ों में हकीकत
जिला कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, कुछ ही उच्च माध्यमिक, माध्यमिक और प्राथमिक शिक्षक ई-अटेंडेंस लगा रहे हैं, जबकि 28 व्यायाम शिक्षकों में से एक भी शिक्षक ने हाजिरी नहीं लगाई है। यह स्थिति प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बनती जा रही है।
मेरा नाम भूमेन्द्र बिसेन है। मैं TazaSanket.in का संस्थापक और एक प्रोफेशनल ब्लॉगर हूं। इस पोर्टल के जरिए मैं मध्य प्रदेश, खासकर बालाघाट की विश्वसनीय लोकल खबरें पहुंचाता हूं। डिजिटल पत्रकारिता में मुझे 4 वर्षों का अनुभव है और मेरा उद्देश्य समाज की सच्चाई को उजागर करना है।






