सालेटेका में राइस इंडस्ट्री को लेकर विवाद, पेड़ों की कटाई और भूमि हस्तांतरण के आरोप पर ग्रामीणों का विरोध तेज

सालेटेका में राइस इंडस्ट्री को लेकर विवाद, पेड़ों की कटाई और भूमि हस्तांतरण के आरोप पर ग्रामीणों का विरोध तेज

बालाघाट ज़िले के किरनापुर क्षेत्र अंतर्गत ग्राम सालेटेका में प्रशासन द्वारा श्री गुरुदेव राइस इंडस्ट्रीज को 33.78 हेक्टेयर भूमि प्रदान की गई है। इस भूमि पर कंपनी ने निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया है, लेकिन इसके साथ ही विवाद भी गहराता जा रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि कंपनी द्वारा 4000 से अधिक हरे-भरे पेड़ों की अंधाधुंध कटाई कर दी गई है। इसके अलावा ग्राम की सार्वजनिक भूमि को फर्जी प्रस्तावों के माध्यम से कंपनी को हस्तांतरित किए जाने का भी गंभीर आरोप लगाया गया है।

सालेटेका में राइस इंडस्ट्री को लेकर विवाद

गुरुवार को सालेटेका गांव के दर्जनों ग्रामीणों ने कंपनी के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया और नारेबाजी करते हुए आरोप लगाए कि यह भूमि ग्राम पंचायत की है और इसका फर्जी प्रस्ताव बनाकर हस्तांतरण किया गया है। प्रदर्शन की सूचना पर क्षेत्रीय विधायक मधु भगत मौके पर पहुंचे और उन्होंने ग्रामीणों की समस्याएं सुनीं। विधायक ने प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिया कि कंपनी द्वारा प्रस्तुत सभी दस्तावेजों और हस्तांतरण की प्रक्रिया की गहन जांच की जाए।

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सालेटेका में राइस इंडस्ट्री को लेकर विवाद, पेड़ों की कटाई और भूमि हस्तांतरण के आरोप पर ग्रामीणों का विरोध तेज

भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया पर उठे सवाल

जानकारी के अनुसार, ग्राम पंचायत सालेटेका द्वारा प्रस्ताव बनाकर राजस्व विभाग को भेजा गया, जिसके आधार पर एमपीआईडीसी के माध्यम से भूमि श्री गुरुदेव राइस इंडस्ट्रीज को दी गई। 28 मार्च को एसडीएम द्वारा निरीक्षण किया गया और 1 अप्रैल को अनुमति प्रदान की गई। इसके बाद बिजली विभाग ने यहां ट्रांसफार्मर की स्थापना भी कर दी और कंपनी ने निर्माण कार्य शुरू कर दिया। लेकिन ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि कंपनी ने पर्यावरणीय नियमों की अनदेखी करते हुए हजारों पेड़ काट डाले हैं।

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चिखला ग्राम की भूमि पर भी अवैध कब्जे के आरोप

कंपनी पर यह भी आरोप लगाया गया है कि उसने चिखला ग्राम पंचायत की भूमि पर भी अवैध रूप से कब्जा कर लिया है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि इतनी कीमती भूमि – जिसकी कीमत लगभग ₹100 करोड़ आँकी जा रही है – किसी बड़े उद्योगपति को दी जा रही है, तो यह आवश्यक है कि इससे स्थानीय लोगों को वास्तविक और टिकाऊ रोजगार मिले। साथ ही पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभावों का भी वैज्ञानिक परीक्षण होना चाहिए।

निर्माण कार्य पर तत्काल रोक, जांच के आदेश

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए एसडीएम कार्तिक जायसवाल, पुलिस बल और अन्य अधिकारियों की उपस्थिति में स्थल का निरीक्षण किया गया। उन्होंने कहा कि यदि कंपनी ने निर्धारित सीमा से अधिक भूमि पर निर्माण किया है या लीज की शर्तों का उल्लंघन हुआ है, तो उसकी जांच कराई जाएगी। फिलहाल एमपीआईडीसी जबलपुर से आदेश प्राप्त हुआ है कि निर्माण कार्य को तत्काल प्रभाव से रोक दिया जाए और सभी दस्तावेजों की जांच पूरी होने तक कोई भी कार्य न किया जाए।

निष्कर्ष

सालेटेका में राइस इंडस्ट्री की स्थापना को लेकर उठे विवाद ने प्रशासन, ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों को आमने-सामने खड़ा कर दिया है। जहां एक ओर उद्योग से रोजगार की उम्मीद जताई जा रही थी, वहीं दूसरी ओर पर्यावरणीय नुकसान और फर्जी भूमि हस्तांतरण जैसे गंभीर मुद्दे सामने आने से असंतोष गहरा गया है। अब सबकी निगाहें प्रशासनिक जांच और आगामी निर्णयों पर टिकी हुई हैं।

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