Dugdh Samridhi Sampark Abhiyan: प्रदेश में दुग्ध उत्पादन को दोगुना करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में 02 अक्टूबर से दुग्ध समृद्धि सम्पर्क अभियान का शुभारंभ किया जा रहा है। इस लेख में हम बताएंगे कि यह अभियान कैसे तीन चरणों में संचालित होगा, इसमें किन पशुपालकों को शामिल किया जाएगा, बालाघाट जिले से कौन-कौन इसका हिस्सा बनेंगे और ग्रामीणों तक इसकी जानकारी किस तरह पहुंचाई जाएगी।
दोगुना दुग्ध उत्पादन का लक्ष्य
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश के दुग्ध उत्पादन को अगले वर्षों में दोगुना करने का संकल्प लिया है। इसी लक्ष्य को पूरा करने के लिए पशुपालन एवं डेयरी विभाग ने दुग्ध समृद्धि सम्पर्क अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान का उद्देश्य पशु नस्ल सुधार, पशु स्वास्थ्य और पशु पोषण के प्रति पशुपालकों को जागरूक करना है।

तीन चरणों में चलेगा अभियान
उपसंचालक पशु चिकित्सा सेवा डॉ. एनडी पुरी के अनुसार अभियान को तीन चरणों में संचालित किया जाएगा। पहले चरण में 10 या उससे अधिक गाय-भैंस पालने वाले पशुपालकों से सम्पर्क किया जाएगा। दूसरे चरण में 5 या उससे अधिक गाय-भैंस रखने वाले पशुपालक शामिल होंगे। तीसरे चरण में 5 से कम पशुधन पालने वाले परिवारों से सम्पर्क किया जाएगा। सहायक पशु चिकित्सा क्षेत्र अधिकारी सीधे घर-घर जाकर पशुओं की सूची का सत्यापन करेंगे, जो भारत पशुधन एप के माध्यम से दर्ज होगी।
बालाघाट से जुड़ेंगे मास्टर ट्रेनर
इस अभियान के लिए बालाघाट जिले से 04 मास्टर ट्रेनर भोपाल स्थित राज्य पशुपालन प्रशिक्षण संस्थान में 15 और 16 सितंबर को प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। ये प्रशिक्षित मास्टर ट्रेनर 18 से 23 सितंबर तक जिले के विभिन्न विकासखंडों में पशु चिकित्सकों, सहायक अधिकारियों और मैत्री को प्रशिक्षण देंगे। इसके बाद 02 अक्टूबर को ग्राम सभाओं में अभियान का शुभारंभ होगा और 03 से 09 अक्टूबर तक पहला चरण चलेगा।
ग्रामीणों में जागरूकता और उम्मीद
यह अभियान केवल दुग्ध उत्पादन बढ़ाने का ही प्रयास नहीं है, बल्कि ग्रामीण पशुपालकों में आत्मनिर्भरता और आर्थिक मजबूती का मार्ग भी प्रशस्त करेगा। इस पहल से पशुपालक अपने पशुओं की देखभाल और पोषण पर विशेष ध्यान देंगे, जिससे उनकी आय और जीवन स्तर दोनों में सुधार होगा।
FAQs
प्रश्न 1: दुग्ध समृद्धि सम्पर्क अभियान कब शुरू होगा?
उत्तर: इसका शुभारंभ 02 अक्टूबर को किया जाएगा।
प्रश्न 2: अभियान कितने चरणों में चलेगा?
उत्तर: यह तीन चरणों में संचालित होगा।
प्रश्न 3: पशुओं का सत्यापन कैसे होगा?
उत्तर: सहायक अधिकारी घर-घर जाकर सूची तैयार करेंगे और डेटा भारत पशुधन एप पर दर्ज करेंगे।
प्रश्न 4: बालाघाट जिले से कितने मास्टर ट्रेनर शामिल होंगे?
उत्तर: बालाघाट जिले से कुल 04 मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षण लेंगे।
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मेरा नाम भूमेन्द्र बिसेन है। मैं TazaSanket.in का संस्थापक और एक प्रोफेशनल ब्लॉगर हूं। इस पोर्टल के जरिए मैं मध्य प्रदेश, खासकर बालाघाट की विश्वसनीय लोकल खबरें पहुंचाता हूं। डिजिटल पत्रकारिता में मुझे 4 वर्षों का अनुभव है और मेरा उद्देश्य समाज की सच्चाई को उजागर करना है।






