बालाघाट जिला चिकित्सालय के परिसर में उस समय अफरा-तफरी मच गई जब अचानक अस्पताल के जनरेटर से धुआं उठने लगा और देखते ही देखते वहां आग लग गई। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, जनरेटर की बैटरियों में शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लगी थी। धीरे-धीरे स्थिति गंभीर होती गई और बैटरियों में विस्फोट भी शुरू हो गया। हालांकि, अस्पताल प्रबंधन की तत्परता से तुरंत फायर ब्रिगेड को सूचना दी गई और आग पर नियंत्रण पा लिया गया।
ब्लड बैंक और ऑक्सीजन प्लांट के पास घटा हादसा
यह पूरी घटना जिला चिकित्सालय के उस हिस्से में हुई जहां ब्लड बैंक, पैथोलॉजी लैब और ऑक्सीजन प्लांट जैसे महत्वपूर्ण विभाग संचालित होते हैं। यदि समय रहते आग पर काबू नहीं पाया जाता तो यह एक बड़ी त्रासदी में बदल सकती थी। इस क्षेत्र में आग का फैलना गंभीर परिणाम ला सकता था।
इसे भी पड़े: लाडली बहना योजना में बढ़ेगी राशि, रक्षाबंधन से पहले सीएम मोहन यादव ने दी खुशखबरी

अस्पताल में नहीं है कोई स्थायी इलेक्ट्रिशियन
सूत्रों के अनुसार, जिला अस्पताल में जनरेटर जैसी अहम सुविधाओं की देखरेख के लिए एक भी स्थायी इलेक्ट्रिशियन तैनात नहीं है। यह एक गंभीर चिंता का विषय है। सिविल सर्जन स्वयं घटना के दौरान मौजूद रहे और उन्होंने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए तत्काल आवश्यक कदम उठाए।
ओवरहीटिंग बनी आग की वजह
घटना के पीछे अत्यधिक गर्मी को प्रमुख कारण माना जा रहा है। जानकारी के अनुसार, बैटरियां ओवरहीट होकर फटने लगी थीं। फायर ब्रिगेड और कर्मचारियों ने मिलकर आग पर जल्द काबू पाया। बैटरी जलने से नुकसान हुआ है, लेकिन समय पर कार्रवाई से बड़ी दुर्घटना टल गई।
भविष्य के लिए सावधानी के उपाय
अब अस्पताल प्रबंधन द्वारा सभी जनरेटर बैटरियों के पास कूलर लगाने की योजना बनाई जा रही है ताकि अत्यधिक गर्मी में बैटरियों के ओवरहीट होने की समस्या दोबारा न हो। साथ ही, विशेषज्ञों की सलाह लेकर बैटरी सिस्टम को और अधिक सुरक्षित बनाने की तैयारी की जा रही है।
मेरा नाम भूमेन्द्र बिसेन है। मैं TazaSanket.in का संस्थापक और एक प्रोफेशनल ब्लॉगर हूं। इस पोर्टल के जरिए मैं मध्य प्रदेश, खासकर बालाघाट की विश्वसनीय लोकल खबरें पहुंचाता हूं। डिजिटल पत्रकारिता में मुझे 4 वर्षों का अनुभव है और मेरा उद्देश्य समाज की सच्चाई को उजागर करना है।






