बालाघाट जिले में रबी सीजन में किसान बड़ी संख्या में धान की फसल लगा चुके हैं। यह पूरी तरह से नहरों से मिलने वाले पानी पर निर्भर होती है। लेकिन बांधों में पानी की कमी के चलते सिंचाई के लिए नहरों में पानी नहीं छोड़ा गया है। इससे समनापुर क्षेत्र के लगभग 30 गांवों के किसान बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं।
16 अप्रैल को किसानों ने किया था चक्का जाम
16 अप्रैल को तय कार्यक्रम के अनुसार किसानों ने टूटी बाई तट नहर खोलने की मांग को लेकर बालाघाट-नैनपुर राजमार्ग के सन्नापुर क्षेत्र में चक्का जाम कर दिया। सुबह 11 बजे से किसान सड़क पर बैठकर टायर जलाकर प्रदर्शन करने लगे, जिससे मार्ग पर यातायात पूरी तरह बाधित हो गया।
प्रशासनिक वादा पूरा न होने से नाराज किसान
किसानों का कहना है कि प्रशासन ने 7 मई तक सिंचाई के लिए पानी देने का वादा किया था। लेकिन उससे पहले ही नहरों में पानी बंद कर दिया गया। खेतों में लगी रबी की फसल अब सूखने की कगार पर है।

प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को दी चेतावनी
प्रदर्शन के दौरान किसान नेताओं ने प्रशासन और सिंचाई विभाग पर भरोसा तोड़ने का आरोप लगाया। किसानों का कहना है कि लगभग 50-60 हजार एकड़ भूमि में फसलें लगी हैं, जो अब बर्बाद होने के कगार पर हैं।
अधिकारी मौके पर पहुंचे, आश्वासन दिया
चक्काजाम की जानकारी मिलते ही एसडीएम गोपाल सोनी मौके पर पहुंचे और किसानों की मांगें सुनीं। उन्होंने कहा कि किसानों की समस्याओं को शासन स्तर तक पहुंचाया जाएगा। इस दौरान जिला पंचायत उपाध्यक्ष राजा ललहारे और जनपद उपाध्यक्ष शंकर लाल बसेन ने भी किसानों से चर्चा की।
माचागोरा डैम से पानी छोड़ने की मांग
किसानों ने मांग की कि छिंदवाड़ा के माचा बोरा डैम से पानी छोड़ा जाए ताकि रबी फसल बचाई जा सके। साथ ही किसानों ने विधायक मुनमुन राय पर भी आरोप लगाया कि उनके दबाव के चलते बालाघाट को पानी नहीं मिल पा रहा है।
रबी फसल पर मंडरा रहा नुकसान का खतरा
सिंचाई विभाग के अधिकारियों के मौखिक आश्वासन पर किसानों ने नहर की मरम्मत करवाई और फसलें बोईं। अब जब फसल पकने की स्थिति में है, तो पानी की कटौती से करोड़ों की क्षति होने की आशंका जताई जा रही है।
प्रशासन ने जताई चिंता, पेयजल भी प्राथमिकता में
एसडीएम ने बताया कि जिले में इस बार ठंड के मौसम में बारिश नहीं होने से जल संकट गहरा गया है। पेयजल भी प्राथमिकता में है, इसलिए सीमित जलसंसाधनों के बीच संतुलन बनाना प्रशासन की चुनौती है। फिर भी किसानों की मांगों को प्राथमिकता दी जाएगी।
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मेरा नाम भूमेन्द्र बिसेन है। मैं TazaSanket.in का संस्थापक और एक प्रोफेशनल ब्लॉगर हूं। इस पोर्टल के जरिए मैं मध्य प्रदेश, खासकर बालाघाट की विश्वसनीय लोकल खबरें पहुंचाता हूं। डिजिटल पत्रकारिता में मुझे 4 वर्षों का अनुभव है और मेरा उद्देश्य समाज की सच्चाई को उजागर करना है।






