बालाघाट जिले का सरकारी नर्सिंग कॉलेज कभी प्रदेशभर के छात्रों के लिए नर्सिंग की पढ़ाई का एक प्रमुख केंद्र हुआ करता था। 2021 में जब ANM कोर्स को बीएससी नर्सिंग में मर्ज किया गया और इसे मान्यता भी मिल गई, तब से छात्रों को बड़ी उम्मीदें थीं। लेकिन दोस्तों, यह उम्मीदें अब तक पूरी नहीं हो पाई हैं। 2022 के बाद से कॉलेज में बीएससी नर्सिंग की पढ़ाई पूरी तरह से बंद है।
हॉस्टल बना, लेकिन पढ़ाई के लिए भवन नहीं
सरकारी नर्सिंग कॉलेज में पढ़ाई फिर शुरू हो, इसके लिए 7.5 करोड़ की लागत से छात्रावास और कक्ष निर्माण का प्रस्ताव आया। लगभग 4 करोड़ की लागत से 240 छात्रों की क्षमता वाला हॉस्टल तो तैयार हो गया, लेकिन दोस्तों, अभी तक पढ़ाई के लिए भवन के लिए ज़मीन ही आवंटित नहीं हो पाई है। ऐसे में कॉलेज स्टाफ और सुविधाएं होने के बावजूद पढ़ाई शुरू नहीं हो पा रही है।
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मजबूरी में निजी कॉलेजों का सहारा ले रहे छात्र
2021 में बीएससी नर्सिंग कोर्स को शहीद भगत सिंह जिला अस्पताल में प्रारंभ किया गया था, जिसमें 60 छात्रों ने प्रवेश लिया था। एक वर्ष बाद परीक्षा भी हुई, लेकिन प्रशिक्षण केंद्र छोटा होने का हवाला देकर इसे बंद कर दिया गया। अब तीन साल बीत चुके हैं और बालाघाट जिले के छात्र निजी संस्थानों और अन्य जिलों की ओर पलायन कर रहे हैं।
जिम्मेदारों के पास जवाब नहीं
सरकारी रिकॉर्ड में कॉलेज में 22 स्टाफ सदस्य और एक प्रभारी प्राचार्य तैनात हैं, बावजूद इसके बीएससी नर्सिंग की पढ़ाई ठप है। स्वास्थ्य विभाग अब भवन किराए पर लेने या जमीन आवंटन की बात कर रहा है, लेकिन फिलहाल छात्रों का भविष्य अधर में लटका है। अगर यही हाल रहा तो बालाघाट जैसे शिक्षा केंद्र का महत्व भी धीरे-धीरे खत्म होता जाएगा।
मेरा नाम भूमेन्द्र बिसेन है। मैं TazaSanket.in का संस्थापक और एक प्रोफेशनल ब्लॉगर हूं। इस पोर्टल के जरिए मैं मध्य प्रदेश, खासकर बालाघाट की विश्वसनीय लोकल खबरें पहुंचाता हूं। डिजिटल पत्रकारिता में मुझे 4 वर्षों का अनुभव है और मेरा उद्देश्य समाज की सच्चाई को उजागर करना है।








