बालाघाट ज़िले के ग्राम सालेटेका में प्रस्तावित उष्णा प्लांट की स्थापना को लेकर ग्रामीणों का आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है। चारागाह भूमि पर उद्योग लगाने और क्षेत्र में पेड़ों की अंधाधुंध कटाई को लेकर ग्रामीण लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। बीते दिनों पूर्वी क्षेत्र के ग्रामीणों ने परसवाड़ा विधायक के साथ मिलकर इस मुद्दे पर खुला विरोध दर्ज कराया था। वहीं, 11 जून को ग्राम सरपंच के नेतृत्व में सैकड़ों ग्रामीणों ने कलेक्टर कार्यालय के सामने पहुंचकर जोरदार प्रदर्शन किया।
चारागाह भूमि पर उद्योग, पशुओं के चारे पर संकट
प्राप्त जानकारी के अनुसार, ग्राम सालेटेका में मेसर्स गुरुदेव राइस उद्योग को उष्णा प्लांट के लिए 33 एकड़ चारागाह भूमि आवंटित की गई है। ग्रामीणों का आरोप है कि इस भूमि पर लगे सैकड़ों पलाश के पेड़ों को काट दिया गया है, जो इस क्षेत्र में लाख उत्पादन के लिए प्रसिद्ध थे। इसके अलावा, यह भी आरोप लगाया गया है कि कंपनी ने ग्राम की सीमा से बाहर जाकर चिखला गांव की करीब तीन एकड़ जमीन पर भी पेड़ों की अवैध कटाई कर दी है। ग्रामीणों की चिंता है कि इस चारागाह भूमि पर उद्योग लगने से पशुओं के लिए चारे की भारी कमी हो जाएगी।
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ग्राम सभा की सहमति पर भी सवाल
इस विवाद में पंचायत सरपंच मनीषा बिसेन पर भी गंभीर आरोप लगे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि सरपंच ने ग्राम सभा की सहमति के बिना ही कंपनी को जमीन आवंटित कर दी। हालांकि, सरपंच मनीषा बिसेन का कहना है कि एसडीएम की मौजूदगी में ग्राम सभा बुलाई गई थी, जिसमें कुछ लोग सहमत और कुछ असहमत थे, लेकिन इसके बाद ही एनओसी दी गई। उन्होंने बताया कि यह उष्णा प्लांट कुल 35 एकड़ क्षेत्र में स्थापित किया जा रहा है।
प्रदूषण और अव्यवस्थाओं को लेकर चिंता
स्थानीय लोगों का मानना है कि इस प्लांट के लगने से क्षेत्र में प्रदूषण का स्तर बढ़ेगा। इसके गंदे पानी से नालियों और आसपास के जलस्रोतों का प्रदूषण बढ़ेगा, जिससे मानव और पशु दोनों प्रभावित होंगे। ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया है कि कंपनी ने पहले से ही बोरवेल खुदवाने और ट्रांसफार्मर लगाने जैसे कार्य शुरू कर दिए हैं, जबकि ग्रामीणों से किसी भी प्रकार की स्पष्ट सहमति नहीं ली गई।
ग्रामीणों की मांग और विरोध की दिशा
ग्रामीणों ने संबंधित प्रशासनिक अधिकारियों से मांग की है कि पेड़ों की अवैध कटाई के लिए कंपनी पर जुर्माना लगाया जाए और उद्योग स्थापना के लिए ग्रामवासियों की सामूहिक सहमति अनिवार्य की जाए। फिलहाल ग्राम सालेटीका में उष्णा प्लांट को लेकर विवाद गहराता जा रहा है और स्थानीय जनता इसका जोरदार विरोध कर रही है।
मेरा नाम भूमेन्द्र बिसेन है। मैं TazaSanket.in का संस्थापक और एक प्रोफेशनल ब्लॉगर हूं। इस पोर्टल के जरिए मैं मध्य प्रदेश, खासकर बालाघाट की विश्वसनीय लोकल खबरें पहुंचाता हूं। डिजिटल पत्रकारिता में मुझे 4 वर्षों का अनुभव है और मेरा उद्देश्य समाज की सच्चाई को उजागर करना है।






