बालाघाट के छोटे गांव से निकलकर ‘नवीन ज़ोन 94’ की टीम ने यूट्यूब और इंस्टाग्राम से करोड़ों व्यूज़ कमाए। संघर्ष, मेहनत और जुनून से उन्होंने कैसे बनाई अपनी अलग पहचान जानिए इस प्रेरणादायक कहानी में।
नवीन ज़ोन 94: छोटे गांव से शुरू हुआ बड़ा सपना
बालाघाट जिले के एक छोटे से गांव से ताल्लुक रखने वाले नवीन खरे और उनकी टीम आज सोशल मीडिया की दुनिया में एक जाना-पहचाना नाम बन चुके हैं। एक समय था जब उनके पास स्कूल से मिली साइकिल ही एकमात्र साधन थी, लेकिन आज उनके पास अपनी बाइक और कार हैं। यह कहानी सिर्फ मनोरंजन की नहीं, बल्कि मेहनत, संघर्ष और सपनों को साकार करने की मिसाल है।

साधारण मोबाइल से हुई यूट्यूब की शुरुआत
नवीन खरे और उनके दोस्तों ने ‘नवीन ज़ोन 94’ नाम से यूट्यूब चैनल की शुरुआत की थी। शुरुआत में वह एक साधारण Redmi 9 Power मोबाइल से फ्री फायर गेमिंग और कॉमेडी वीडियो बनाते थे। हालांकि वीडियो बनाने में पूरी जान लगा देते थे, लेकिन व्यूज़ नहीं मिलते थे। बावजूद इसके उन्होंने हार नहीं मानी और लगातार प्रयास करते रहे।
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नागपुर की मजदूरी और पहला कैमरा
वीडियो क्वालिटी सुधारने के लिए नवीन ने नागपुर जाकर टाइल्स बिछाने का काम किया। तीन महीने की मेहनत और मजदूरी के बाद उन्होंने अपने भाई की मदद से एक कैमरा खरीदा। यही कैमरा उनकी क्रिएटिविटी का पहला मजबूत हथियार बना। इस दौर में परिवार का समर्थन और दोस्तों की टीम ने उन्हें कभी टूटने नहीं दिया।
इंस्टाग्राम बना गेमचेंजर
जब यूट्यूब से अपेक्षित परिणाम नहीं मिले, तब उन्होंने इंस्टाग्राम की ओर रुख किया। टीम ने रील बनानी शुरू की और देखते ही देखते उनके वीडियो वायरल होने लगे। “शादी और टेंट” पर आधारित वीडियो को 54 मिलियन से ज्यादा व्यूज़ मिले। इसके बाद “दारू पीकर मसाला बनाने” वाली वीडियो ने 63 मिलियन व्यूज़ का आंकड़ा पार कर लिया। इस तरह इंस्टाग्राम ने उनकी किस्मत ही बदल दी।
मिट्टी के घर से पक्के मकान तक की यात्रा
आज नवीन और उनकी टीम का जीवन पूरी तरह बदल चुका है। जहां एक समय उनके परिवार का घर मिट्टी का था, वहीं अब वे पक्के मकान में रहते हैं। टीम के हर सदस्य के पास आज iPhone है, अपनी बाइक और कार है। यह बदलाव केवल सोशल मीडिया की कमाई से नहीं, बल्कि लगातार संघर्ष, मेहनत और आत्मविश्वास से संभव हो पाया है।
टीम का सहयोग और परिवार का साथ
‘नवीन ज़ोन 94’ की टीम में अतुल, प्रवीण, पीयूष, पिंटू और सुभाष जैसे युवा शामिल हैं, जो वीडियो में अलग-अलग किरदार निभाते हैं। सभी के बीच गहरा दोस्ताना रिश्ता है और यही वजह है कि उनका कंटेंट लोगों को सीधा जोड़ता है। शुरूआत के दिनों में जब व्यूज़ नहीं आते थे, तब भी भाइयों और परिवार ने उनका साथ नहीं छोड़ा।
जमीनी विषयों से जुड़ा कंटेंट
टीम की वीडियो मुख्यतः ग्रामीण जीवन, खेती, मजदूरी, गन्ने का रस, गर्मी, शादियां और पारिवारिक हलचलों पर आधारित होती हैं। इनकी वीडियो में गांव की ज़िंदगी की सच्ची झलक मिलती है। यह “ग्राउंड रियलिटी” ही उनकी पहचान बन चुकी है और यही वजह है कि लोग इनसे भावनात्मक रूप से जुड़ते हैं।
पर्दे के पीछे की मस्ती और किस्से
टीम के वीडियो बनाने के दौरान काफी मस्ती भी होती है। जैसे कि वीडियो में अक्सर अतुल को “दारू पीकर गिरते” हुए दिखाया जाता है, लेकिन असल में बोतल में सिर्फ जलेबी का कलर होता है। टीम के सदस्य ऑन-कैमरा जितने गंभीर होते हैं, ऑफ-कैमरा उतने ही मजाकिया और मस्तीभरे हैं। नवीन और अतुल की कैमिस्ट्री तो इतनी जबरदस्त है कि एक-दूसरे को मारते-पीटते हुए भी वे दोस्ताना हंसी-मजाक में रहते हैं।
निष्कर्ष:
‘नवीन ज़ोन 94’ केवल एक यूट्यूब चैनल नहीं, बल्कि यह उन लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा है जो छोटे गांवों से बड़े सपने देखते हैं। नवीन और उनकी टीम ने यह साबित कर दिया है कि अगर आपके पास सपना है, मेहनत करने की हिम्मत है और साथ देने वाले कुछ अच्छे लोग हैं, तो कोई भी सपना अधूरा नहीं रहता। उन्होंने मिट्टी से उठकर सोशल मीडिया के आसमान में उड़ान भरी है, और यह सफर अभी रुका नहीं है।
मेरा नाम भूमेन्द्र बिसेन है। मैं TazaSanket.in का संस्थापक और एक प्रोफेशनल ब्लॉगर हूं। इस पोर्टल के जरिए मैं मध्य प्रदेश, खासकर बालाघाट की विश्वसनीय लोकल खबरें पहुंचाता हूं। डिजिटल पत्रकारिता में मुझे 4 वर्षों का अनुभव है और मेरा उद्देश्य समाज की सच्चाई को उजागर करना है।






