इंदौर के पंचकिया स्थित प्राचीन श्रीराम मंदिर में पिछले 55 वर्षों से एक अद्भुत परंपरा चली आ रही है। यहां हर सुबह सूरज की पहली किरण के साथ तोतों की विशाल टोली मंदिर की छत पर आती है, जिसे स्थानीय लोग ‘मिट्ठू आर्मी’ कहते हैं। यह केवल पक्षियों का आगमन नहीं, बल्कि एक धार्मिक और प्राकृतिक समर्पण का अनूठा दृश्य होता है।
महामंडलेश्वर रामगोपाल दास महाराज के सान्निध्य में प्रतिदिन सुबह 5:30 बजे मंदिर की छत पर चार से पांच क्विंटल ज्वार डाली जाती है। इतने वर्षों में न एक दिन ज्वार डालने में चूक हुई है, न ही एक दिन पक्षियों ने आकर दाना चुगने से विराम लिया है। यह सेवा पूर्वाचार्यों—श्री लक्ष्मण दास जी महाराज, श्री फलारी जी और गुरु गंगा दासी जी महाराज—के समय से निरंतर चली आ रही है।
मंदिर प्रांगण और आसपास के पेड़ों पर पहले तोते बैठते हैं, फिर एक प्रमुख तोता शिखर पर बैठकर आवाज देता है, जिसके संकेत पर पूरी टोली नीचे उतरती है और पंगत लगाकर दाना चुगती है। यह दृश्य भक्तों को न केवल प्रकृति से जोड़ता है, बल्कि यह संदेश भी देता है कि सच्ची सेवा केवल इंसानों की नहीं, बेजुबानों की भी हो सकती है।
इंदौर की जनता और युवाओं से आग्रह किया गया है कि वे अपने घरों की छतों पर भी पक्षियों के लिए दाना-पानी की व्यवस्था करें और प्रकृति के इस संतुलन को बनाए रखने में सहभागी बनें। राम मंदिर पंचकिया में तोतों का यह भंडारा केवल परंपरा नहीं, बल्कि एक जीवंत आध्यात्मिक अनुभव है, जो हर सुबह जीवन को नई ऊर्जा और शांति से भर देता है।
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