विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर मिताली नर्सिंग इंस्टीट्यूट, बालाघाट में विधिक साक्षरता एवं जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। यह शिविर प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश व अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री प्राणेश कुमार प्राण के मार्गदर्शन में आयोजित हुआ।
कार्यक्रम में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्री सतीष शर्मा ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि आज महिलाएं विभिन्न क्षेत्रों में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं, लेकिन आज भी उन्हें लैंगिक असमानता और भेदभाव जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में यह हमारा मौलिक कर्तव्य है कि हम उनके अधिकारों की रक्षा और उन्हें सशक्त बनाने के लिए निरंतर प्रयास करें। उन्होंने महिलाओं के संपत्ति अधिकार, निःशुल्क विधिक सलाह एवं सहायता योजनाओं की जानकारी भी दी।
जनसंख्या नियंत्रण: सामाजिक जिम्मेदारी
जिला विधिक सहायता अधिकारी श्री जीतेन्द्र मोहन धुर्वे ने अपने संबोधन में कहा कि सीमित संसाधनों के साथ बढ़ती जनसंख्या देश की प्रगति में बाधक बनती है। शिक्षित और जागरूक युवा ही समाज को सकारात्मक दिशा दे सकते हैं। उन्होंने जनसंख्या नियंत्रण को सामाजिक नैतिक जिम्मेदारी बताते हुए बाल विवाह निषेध अधिनियम, पॉक्सो अधिनियम और महिलाओं के कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न निवारण अधिनियम की जानकारी भी साझा की।
शिविर में डॉ. श्यामा सिंह, मिताली नर्सिंग इंस्टीट्यूट की प्रभारी, स्टाफ सदस्य, जिला प्राधिकरण के कर्मचारी श्री धनेन्द्र उपराड़े सहित छात्र और छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
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