ग्राम वारा टोला से वीरांगना रानी दुर्गावती जी के बलिदान दिवस पर श्रद्धा और गर्व का अद्भुत संगम देखने को मिला। गांव से शिवधाम होते हुए भव्य शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें गांव के आदिवासी समाज और सैकड़ों ग्रामीण जनों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। यह यात्रा रानी दुर्गावती चौक तक पहुंची, जहां सभी ने वीरांगना को शत-शत नमन किया।
रानी दुर्गावती बलिदान दिवस की याद में एकजुटता का प्रदर्शन
इस अवसर पर समाज के सभी वर्गों ने एकजुट होकर रानी दुर्गावती जी के अद्वितीय बलिदान और साहस को याद किया। उन्होंने मातृभूमि की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति दी थी। शोभायात्रा के दौरान श्रद्धालुओं का स्वागत श्री प्रणय पन्ना ‘धार्मिक जी’ के निवास स्थान पर आत्मीयता और ठंडे पानी से किया गया।
प्रेरणा और संदेश
यह आयोजन केवल एक धार्मिक यात्रा नहीं, बल्कि एक संदेश था—कि रानी दुर्गावती का बलिदान आज भी जन-जन के हृदय में जीवित है। कार्यक्रम के अंत में “जय सेवा, जय जौहर, जय आदिवासी” के नारों से वातावरण गूंज उठा। सभी वक्ताओं ने युवा पीढ़ी को यह संदेश दिया कि रानी दुर्गावती का संघर्ष सिर्फ आदिवासी समाज के लिए नहीं, बल्कि पूरे भारत के लिए प्रेरणास्रोत है। उनके विचार और जीवनशैली को अपनाने की आवश्यकता आज भी महसूस होती है।
मेरा नाम भूमेन्द्र बिसेन है। मैं TazaSanket.in का संस्थापक और एक प्रोफेशनल ब्लॉगर हूं। इस पोर्टल के जरिए मैं मध्य प्रदेश, खासकर बालाघाट की विश्वसनीय लोकल खबरें पहुंचाता हूं। डिजिटल पत्रकारिता में मुझे 4 वर्षों का अनुभव है और मेरा उद्देश्य समाज की सच्चाई को उजागर करना है।






