बालाघाट रेलवे स्टेशन की हकीकत, जनप्रतिनिधियों की घोषणाएं बनाम यात्रियों की घंटों की परेशानी

बालाघाट रेलवे स्टेशन की हकीकत, जनप्रतिनिधियों की घोषणाएं बनाम यात्रियों की घंटों की परेशानी

पिछले कुछ महीनों से बालाघाट से गुजरने वाली लंबी दूरी की ट्रेनों को लेकर सोशल मीडिया पर लगातार जनप्रतिनिधियों द्वारा जानकारी साझा की जा रही है। कहा जा रहा है कि जल्द ही बालाघाट से होकर कई नई ट्रेनें गुजरेंगी और रेलवे लाइन को भी सिंगल से डबल किया जाएगा। सोशल मीडिया पर पत्रों और निर्देशों की बाढ़ है, जिनमें रेल सेवाओं के विस्तार की बातें होती हैं। लेकिन अगर ज़मीनी हकीकत की बात करें, तो आज भी बालाघाट रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को घंटों ट्रेन का इंतजार करना पड़ता है और अधिकांश ट्रेनें समय से कई घंटे लेट चल रही हैं।

यात्रियों की परेशानियां और सुझाव

जब स्टेशन पर कुछ यात्रियों से बातचीत की गई तो उनका सीधा आरोप था कि जनप्रतिनिधियों को केवल घोषणाओं से नहीं, बल्कि वास्तविक समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए। उनका मानना है कि सबसे पहले जो ट्रेनें वर्तमान में बालाघाट से होकर गुजर रही हैं, उन्हें समय पर चलाने के लिए प्रयास किए जाने चाहिए। वर्तमान में रेल यात्रा बालाघाट वासियों के लिए मुसीबत से कम नहीं है। ट्रेनें देरी से चल रही हैं और यात्रियों को अनिश्चितता का सामना करना पड़ता है।

बालाघाट रेलवे स्टेशन की हकीकत, जनप्रतिनिधियों की घोषणाएं बनाम यात्रियों की घंटों की परेशानी

तकनीकी कारण और रेलवे विभाग की स्थिति

रेलवे स्टेशन के सहायक प्रबंधक सुधीर वाजपेई ने बताया कि वरिष्ठ अधिकारियों से सुधार की अपेक्षा की जा रही है। वहीं ज़ोनल रेलवे यूज़र्स कंसल्टेटिव कमिटी (ZRUCC) के सदस्य मोनील जैन ने कहा कि गोंदिया में बन रहे आरओआर के कारण मेंटेनेंस ब्लॉक लगाया गया है, जिसका सीआरएस (सेफ्टी निरीक्षण) 4 या 5 जून को होने वाला है। इसके बाद 6 जून से ट्रेनों का ट्रायल शुरू होगा, जिससे देरी हो रही है। उन्होंने यह भी कहा कि रेलवे विभाग यात्रियों को कम से कम परेशानी हो, इसका पूरा ध्यान रख रहा है।

ट्रेन लेट-लतीफी पर ध्यान जरूरी

स्थानीय लोगों का मानना है कि जनप्रतिनिधियों को केवल नई ट्रेनों की घोषणा नहीं करनी चाहिए, बल्कि जो ट्रेनें पहले से चल रही हैं, उन्हें समय पर चलाने के लिए वरिष्ठ रेलवे अधिकारियों से चर्चा कर ठोस प्रयास करना चाहिए। लेकिन दुर्भाग्यवश, इस दिशा में कोई ठोस कदम अब तक नहीं उठाया गया है। जनता का यह भी कहना है कि घोषणाओं से ज्यादा ज़रूरी है यात्री सुविधा और भरोसेमंद समय-सारणी, जिस पर आज गंभीरता से काम करने की ज़रूरत है।

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