रेशम कृमि पालन: आज हम आपको बैहर तहसील के ग्राम गोहारा के मेहनती किसान महेश बिसेन की प्रेरणादायक कहानी बता रहे हैं। महेश जी धान की खेती श्री पद्धति (मेडागास्कर) से करते हैं, जिससे उन्हें अच्छा उत्पादन मिलता है। साथ ही वे अपने घर पर ही रेशम कृमि पालन का कार्य भी कर रहे हैं। दोस्तो, शहतूत के पौधों पर पाली गई इल्लियां बेहतरीन ककून तैयार करती हैं, जिसे रेशम विभाग खरीद लेता है। इससे उन्हें अतिरिक्त आय होती है और परिवार के सभी सदस्य इसमें योगदान देते हैं, जिससे रोज़गार और खुशहाली दोनों बढ़ते हैं।
Tribal Women of Nagaland successfully doing Mulberry Silk worm rearing courtesy MoT,GoI # Samvrudi pic.twitter.com/dxYixreu3s
— Dr.Venu (@venublr1) April 29, 2023
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मेरा नाम भूमेन्द्र बिसेन है। मैं TazaSanket.in का संस्थापक और एक प्रोफेशनल ब्लॉगर हूं। इस पोर्टल के जरिए मैं मध्य प्रदेश, खासकर बालाघाट की विश्वसनीय लोकल खबरें पहुंचाता हूं। डिजिटल पत्रकारिता में मुझे 4 वर्षों का अनुभव है और मेरा उद्देश्य समाज की सच्चाई को उजागर करना है।






